बनेंगे डिटैचेबल गूगल सन ग्लास
२८ जनवरी २०१४इस साल के आखिर में गूगल कंपनी ये चश्मे आम जनता के लिए भी बनाने वाली है. फिलहाल ये कुछ हजार लोगों के लिए हैं जो इनका परीक्षण कर रहे हैं और इसके लिए ऐप्स बना रहे हैं. गूगल ग्लासेस के फ्रेम में एक छोटा कंप्यूटर है, जिसमें कैमेरा लगा है. साथ ही पहनने वाले की दाहिनी आंख के ऊपर एक डिस्प्ले स्क्रीन भी है, जिस पर सब दिख सकता है. यह उपकरण भौहों तक जाता है, सनग्लास से थोड़ा ऊपर तक.
इसे पहनने वाले इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं, दिशा पूछ सकते हैं और फोटो या वीडियो ले सकते हैं. ये स्मार्टफोन जैसे ही हैं, पर हाथों का इस्तेमाल बिना किए ये सब काम हो सकता है. ग्लास में ईमेल पढ़े जा सकते हैं, फोटो शेयर हो सकते हैं, वीडियो चैट हो सकती है. गूगल ग्लास चलता है आवाज पर. वह ओके ग्लास बोले जाने के बाद वाले कमांड लेता है.
कंपनी चार तरह के प्रिस्क्रिप्शन फ्रेम बना रही है और दो नए शेड ला रही है. फ्रेम की कीमत होगी 225 डॉलर और शेड्स की 150 डॉलर, इसके अलावा ग्लास की कीमत डेढ़ हजार डॉलर.
यूजर फ्रेम को किसी भी चश्मे की दुकान में ले जा सकता है ताकि नंबर वाला लेंस मिल सके. गूगल ने कहा है कि वह अमेरिका में चश्मे की दुकानों को ग्लास के साथ काम करने के लिए प्रशिक्षण देगा. और हो सकता है कि आने वाले दिनों में कुछ अमेरिकी बीमा प्लान फ्रेम की कीमत कवर करेंगे. नए ग्लास के डिजाइनों में बोल्ड और थिन दोनों डिजाइन का विकल्प है.
आने से पहले ही रोक
गूगल ग्लास अभी टेस्ट फेज में हैं लेकिन ब्रिटेन में इन्हें पहन कर गाड़ी चलाने पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है. हाल ही में कैलिफोर्निया में एक महिला का चालान कर दिया गया क्योंकि वह ये ग्लास पहन कर कार चला रही थीं. हालांकि फिर सैन डियागो कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया क्योंकि कमिश्नर को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि ड्राइविंग के दौरान चश्मा ऑन था. भारत में जनवरी में एक ऑपरेशन को गूगल ग्लास के जरिए लाइव दिखाया गया. जयपुर में एंकल रिप्लेसमेंट सर्जरी का पहली बार लाइव प्रसारण किया गया.
गूगल ग्लास ने हाल ही में एक ऐप 'सेक्स विद ग्लासेस' भी पेश किया है. जैसे ही इस ऐप के साथ ग्लास पहना जाएगा और कहा जाएगा, 'ओके ग्लास इट्स टाइम' तो ग्लास निजी पलों के वीडियो की स्ट्रीमिंग शुरू कर देगा.
हालांकि इस उपकरण पर आपत्ति जताने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है. लोगों को आशंका है कि यह किसी भी व्यक्ति की निजता को खत्म कर सकता है. हो सकता है इसे पहनने वाले गलत तरीके से दूसरे की तस्वीर या वीडियो भी निकाल लें. अभी तो चश्मा अलग सा दिखाई दे रहा है लेकिन जैसे जैसे इसकी डिजाइन विकसित होगी, सामान्य चश्मे और गूगल ग्लास में अंतर दिखाई देना भी खत्म हो जाएगा.
रिपोर्टः आभा मोंढे (एएफपी, रॉयटर्स)
संपादनः ईशा भाटिया