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अमेरिका के सीरिया फैसले पर विवाद

१४ जून २०१३

सीरिया के विद्रोहियों को हथियार देने के अमेरिकी फैसले का संयुक्त राष्ट्र और रूस समेत कई देश विरोध कर रहे हैं. एक रूसी सांसद ने तो इसकी तुलना सद्दाम हुसैन के महाविनाश के हथियारों वाले मामले से कर दी है.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

व्हाइट हाउस ने एलान किया कि उसके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि असद सरकार ने गृहयुद्ध में विद्रोहियों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है. इस एलान के साथ ही अमेरिकी हथियारों के विद्रोहियों तक पहुंचने का रास्ता साफ हो गया और ओबामा ने उस पर मुहर लगा दी. अमेरिकी सरकार ने यह साफ किया है कि असद ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर ओबामा की तय लाल रेखा को पार कर लिया है लेकिन फिर भी वो इस मामले में सावधानी से और अपने सहयोगियों की सहमति से कदम बढ़ाएंगे.

अमेरिका पर लंबे समय से सीरिया के मामले में दखल देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था लेकिन ओबामा ने हाथ खींचे रखा. उधर रूस के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा है कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की बात गढ़ी गई है और अमेरिका इसका इस्तेमाल इस मामले में दखल देने के लिए करेगा. रूसी संसद के निचले सदन के सदस्य और विदेश नीति मामलों की समिति के प्रमुख एलेक्सेइ पुश्कोव ने कहा, "रासायनिक हथियारों के बारे में सूचना गढ़ी हुई है और यह सद्दाम हुसैन के महाविनाश के घातक हथियारों के बारे में बोले झूठ की जगह लेगा. ओबामा जॉर्ज बुश के रास्ते पर चल रहे हैं."

Syrien Kusair am 7 Juni 2013 Bevölkerung Jugendliche Ruinen
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images

उत्तरी आयरलैंड में जी8 देशों की बैठक होने जा रही है. इस दौरान राष्ट्रपति बराक ओबमा और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी होगी. जी8 देशों की बैठक में सीरिया पर एक विशेष सत्र होगा जिसकी शुरूआत ओबामा और पुतिन करेंगे.

उधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी कहा है कि सीरिया में किसी भी पक्ष को हथियार देने से मामले का राजनीतिक हल ढूंढना मुश्किल होगा. महासचिव बान की मून ने कहा है, "संयुक्त राष्ट्र और खुद मैं अपनी ओर से यह लगातार साफ करते रहे हैं कि सीरिया में किसी भी पक्ष को हथियार देने से मामला नहीं सुलझेगा." उन्होंने ऐसी किसी सैन्य सहायता को "मददगार नहीं" माना है. बान ने यह भी कहा कि अमेरिका ने उन्हें इस बारे में जानकारी दी है कि असद सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है.

करीब दो साल तक अनदेखी करने के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा सीरियाई विद्रोहियों को हथियार देने जा रहे हैं. हालांकि इससे स्थिति में बदलाव की उम्मीद कम है क्योंकि असद शासन ने लेबनानी हिज्बुल्लाह की मदद से अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. (कुशायर पर कब्जे से मजबूत असद)

विद्रोही हाल में मिली हारों के बाद इन हथियारों के लिए बेताब हैं. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस फैसले में सीरियाई विद्रोहियों को हथियार भेजना शामिल है. ओबामा प्रशासन का कहना है कि विद्रोहियों को सीमित मात्रा में केवल छोटे हथियार और गोला बारूद ही दिए जाएंगे. इनमें विमान भेदी हथियार शामिल नहीं हैं. एलान के बाद व्हाइट हाउस में सीरिया पर कई अहम बैठकें हुई हैं.

एनआर/एमजे (डीपीए, एफपी, रॉयटर्स)