अमेरिकी प्रतिरक्षा से जुड़ी हजारों फाइलें चोरी
१५ जुलाई २०११विलियम लिन के अनुसार गत मार्च में ही हुई घटना में 24,000 फाइलें रक्षा मंत्रालय के एक कांट्रेक्टर के नेटवर्क से चुराई गई. उन्होंने कहा, यह बहुत चिंता की बात है कि पिछले एक दशक में टेराबाइट्स से अधिक की फाइलें रक्षा सप्लाई से जुड़ी कंपनियों के कॉर्पोरेट नेटवर्क से विदेशी हैकरों ने चुराई हैं.
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा की पेंटागन की नई नीति पर लिन ने कहा, "पिछले मार्च में हुए एक अतिक्रमण में ही 24,000 फाइलें उड़ा ली गईं." रक्षा उपमंत्री ने कहा कि यह चोरी रक्षा मंत्रालय के लिए विकसित की जा रही पद्धतियों से संबंधित थी.
चोरी का संदेह चीन पर किया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के कॉर्पोरेट और सैनिक कंप्यूटरों की हैकिंग के आरोप चीन पर लगते रहे हैं लेकिन लिन ने मार्च की चोरी के लिए किसी का नाम लेने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, "हम समझते हैं कि यह किसी विदेशी खुफिया सेवा द्वारा किया गया है. दूसरे शब्दों में कोई राष्ट्र इसके पीछे है."
लिन ने माना कि डाटा की चोरी ने सैन्य उपकरणों के डिजायन से जुड़ी जानकारी को नुकसान पहुंचाया है लेकिन साथ ही ये भी दावा किया कि इसने पद्धतियों के विकास में बाधा नहीं डाली है. अमेरिकी रक्षा उपमंत्री के अनुसार कुछ सूचनाएं मामूली थी लेकिन उनमें से अधिकतर का विमान एवियोनिक्स, निगरानी तकनीक, सेटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम और नेटवर्क सिक्योरिटी नेटवर्क जैसी अमेरिका की अत्यंत संवेदनशील तकनीकों से लेना देना है.
विलियम लिन ने कहा कि पेंटागन साइबर स्पेस का सैन्यीकरण नहीं करना चाहता लेकिन जवाबी कार्रवाई की धमकी और तगड़े सुरक्षा कदमों के साथ सामरिक नेटवर्क की सुरक्षा करना चाहता है. "हमारी रणनीति का मुख्य जोर हमले का लाभ न होने देना है," उन्होंने कहा. "यदि हमले का इच्छित असर नहीं होता है तो हमें नुकसान पहुंचाने वालों के पास हम पर साइबर स्पेस से हमला करने की वजह नहीं होगी."
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़