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अयोध्या पर फैसला जारी करने की मांग

२७ सितम्बर २०१०

अयोध्या मामले पर करीब आधा दर्जन पक्षकार मांग कर रहे हैं कि हाई कोर्ट के फैसले को टाला नहीं जाए, बल्कि जारी किया जाए. सुप्रीम कोर्ट में फैसला टालने की मांग करने वाली याचिका पर कल सुनवाई होनी है.

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लखनऊ में सुरक्षा के कड़े इंतजामतस्वीर: UNI

ये मुस्लिम पक्षकार पूर्व नौकर शाह रमेश चंद्र त्रिपाठी की याचिका रद्द करने की मांग करेंगे. इस बारे में सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रति शपथ पत्र सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल भी कर दिया गया. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पहले ही एलान कर दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अलग से याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से मांग करेगा कि इलाहबाद हाई कोर्ट का रुका हुआ फैसला जारी किया जाए. त्रिपाठी ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर हाई कोर्ट का फैसला टाले जाने की मांग की है.

उधर हिन्दू पक्ष ने भी फैसला टलवाने की याचिका का विरोध करने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर जबरदस्त बहस की उम्मीद है क्योंकि हिन्दू और मुस्लिम, दोनों पक्ष से कई बड़े वकील इस मामले में मंगलवार को बहस में शामिल हो रहे हैं.

अयोध्या निवासी 83 वर्षीय मुस्लिम पक्षकार हाशिम अंसारी भी अपने प्रति शपथ पत्र में फैसला न रोकने की मांग करेंगे. बाकी मुस्लिम पक्षकार भी हाशिम अंसारी के मत का समर्थन करेंगे. इस बारे में हाशिम अंसारी समेत सभी इस विवाद के एक पक्षकार प्रतिवादी संख्या 17 रमेश चंद्र त्रिपाठी की याचिका रद्द करने की मांग करेंगे. त्रिपाठी की याचिका इलाहबाद हाई कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए हैं.

Polizeikräfte in Nagpur Flash-Galerie
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा एक बड़ी चुनौती हैतस्वीर: UNI

हाशिम अंसारी अयोध्या से प्रति शपथ पत्र पर दस्तखत करने लखनऊ आए तो उन्होंने 'डॉयचे वेले' से बातचीत में कहा कि वह फैसला चाहते है. उनके मुताबिक, "60 साल से मुकदमा लड़ते लड़ते थक गया हूं. इस विवाद का हल बातचीत से मुमकिन ही नहीं है. अदालत से फैसला आना चाहिए. उसे रोका नहीं जाना चाहिए."

फैसला करवाने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कमर कास ली है. सोमवार को दिल्ली में पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी की बैठक भी हो रही है. इसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के रुके हुए फैसले को जारी करवाने की रणनीति तैयार की जाएगी.

सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जीलानी ने इस बारे में कहा कि उन्होंने हाशिम अंसारी को बुलाया था और उनके दस्तखत हो गए हैं. उनके मुताबिक सभी मुस्लिम पक्षकार एक मत से रमेश त्रिपाठी की याचिका को रद्द करने की मांग करेंगे. दिल्ली रवाना होने से पहले जीलानी ने 'डॉयचे वेले ' को बताया कि हिन्दू-मुस्लिम दोनों पक्ष फैसला चाहते हैं तो सुप्रीम कोर्ट को इस मत का आदर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके सामने समझौते का कोई फॉर्मूला नहीं आया है और न वह इस मामले में कोई बात करना चाहते हैं. जीलानी इस मामले में वकील होने के साथ साथ बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी हैं.

हिन्दू पक्ष की ओर से दो पक्षकार प्रतिवादी संख्या 17 रमेश चन्द्र त्रिपाठी और दूसरे पक्षकार निर्मोही अखाडा ही समझौता चाहता है. लेकिन अखाड़े की अपनी शर्तें भी हैं. अखाड़े की ओर से इन शर्तों को भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा. इस मुकदमे में कुल 28 पक्षकार है जिसमे से सिर्फ दो ही समझौते के जरिए विवाद का हल चाहते हैं. ये दोनों हिन्दू पक्ष के हैं.

Indien Ayodhya Moschee Flash-Galerie Kultureller Wiederaufbau
अयोध्या पर अधिकार की लड़ाईतस्वीर: picture alliance / dpa

हिन्दू पक्ष के एक पक्षकार श्री राम जन्म भूमि पुनरुधार समिति की वकील रंजना अग्निहोत्री ने भी 'डायचे वेले ' से कहा के समझौते के सुझाव को मंजूर करने का कोई मतलब नहीं है. मंगलवार को बहस में हिन्दू पक्ष के बाबा धरम दास की ओर से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सीनियर वकील रविशंकर प्रसाद, मनमोहन गुप्ता की ओर से पीएन मिश्र और हिन्दू महासभा की ओर से हरि शंकर जैन बहस करेंगे. मुस्लिम पक्ष का ओर से बहस में जीलानी के आलावा अनूप जॉर्ज चौधरी, जून चौधरी, शकील महमूद, शहीद हुसैन, जाकी अहमद खान, तैयब अली खान और मुश्ताक अहमद शामिल होंगे.

रिपोर्टः सुहेल वहीद, लखनऊ

संपादनः ए कुमार

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