आईएसआई ने मुंबई हमलों में मदद की
१९ अक्टूबर २०१०द गार्डियन अखबार को हासिल हुई डेविड हेडली से पूछताछ की 109 पन्ने की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. भारतीय सुरक्षा अधिकारियों की पूछताछ में अमेरिका में कैद डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई हमलों में आईएसआई का हाथ होने का दावा किया है और इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान हेडली ने कई मीटिंग्स के बारे में जानकारी दी जो पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर ए तैयबा के बड़े नेताओं के बीच हुई थी.
हेडली ने दावा किया है कि हमलों के लिए आईएसआई की मदद का मुख्य कारण पाकिस्तान का उन आतंकी संगठनों को सहारा देना था जो और कट्टरपंथी गुटों के कारण दरकिनार हो गए. हेडली ने कहा है कि उसने मुंबई में हमले के ठिकानों की जानकारी हासिल की, उनमें से कम से कम दो मिशन के लिए कुछ धन आईएसआई ने भी दिया. हेडली ने ये भी दावा किया है कि उसने नियमित तौर पर खुफिया एजेंसी को जानकारी दी.
रिपोर्ट में हालांकि ये भी संकेत मिलते हैं कि आईएसआई द्वारा चरमपंथियों का निरीक्षण अक्सर अफरा तफरी में होता था और एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों को इस अभियान को लॉन्च करने के पहले इसकी गंभीरता और उद्देश्य के बारे में पता नहीं हो.
रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय और अमेरिकी सुरक्षा सेवाओं को डर है कि लश्कर अब क्षेत्रीय स्तर से आगे जा रहा है और जम्मू कश्मीर के आगे उसका एजेंडा वैश्विक होता जा रहा है जिसमें पश्चिम पर हमले भी शामिल हैं.
हेडली के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है, "अफगानिस्तान में जिहाद के लिए उग्रता और प्रतिबद्धता कई गुटों ने दिखाई है जिसके कारण कई लड़ाके एलईटी से अलग हुए हैं. मुझे लगता है कि इस कारण एलईटी ने भारत में बड़ा हमला करने का सोचा."
पाकिस्तानी मूल के हेडली का पहला नाम दाऊद गिलानी था. उसने जांचकर्ताओं को बताया, "आईएसआई को उम्मीद थी कि मुंबई हमलों के कारण जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान अफगानिस्तान के उग्रवादी गुटों के बीच मेलजोल कम हो जाएगा. आईएसआई को मुंबई में हमला करने की जरूरत पर कोई संदेह नहीं था."
एजेंसी का लक्ष्य था कश्मीर के आतंकी संगठनों को टूटने से बचाना और उन्हें सफलता महसूस करवाना, साथ ही हिंसा पाकिस्तान की बजाए भारत में करवाना.
"रिपोर्ट में हेडली ने खुफिया एजेंसी के "कर्नल कामरान" से एक बार मिलने और मेजर इकबाल तथा मेजर समीर अली के साथ कई बैठकों के बारे में बताया. एक अन्य षडयंत्रकारी से कर्नल शाह ने बातचीत की."
हेडली ने ये भी आरोप लगाया है कि उसे भारत में आठ ठिकानों में से एक के खोजी दौरे के लिए आईएसआई हैंडलर ने 25 हजार डॉलर दिए. रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि हेडली ने आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पाशा के अभियान को समझने के लिए एलईटी के एक प्रमुख नेता से हमलों के बाद जेल में मुलाकात का जिक्र किया है जिसका अर्थ है कि एजेंसी के बड़े अधिकारियों को नियोजित हमले के आयाम का पता नहीं था."
आईएसआई के एक प्रवक्ता ने मुंबई हमलों में एजेंसी की भागीदारी के आरोपों को आधारहीन बताया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा