1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

आखिर कैसा है राफाल

३१ जनवरी २०१२

फ्रांस के लड़ाकू विमान राफाल ने भारत के रक्षा इतिहास का सबसे बड़ा सौदा अपने नाम करने के करीब पहुंचा. अरबों डॉलर की उड़ान में वह यूरोफाइटर टायफून को पीछे छोड़ रहा है. सौदे की खबर से दासो के शेयर चढ़े. आखिर कैसा है राफाल.

https://p.dw.com/p/13tit
राफाल की ऊंची उड़ानतस्वीर: picture-alliance/dpa

भारतीय वायु सेना 126 राफाल लड़ाकू विमान खरीदने जा रही है. राफाल फ्रांस की कंपनी दासो का विमान है. मंगलवार को यह एलान करते ही शेयर बाजार में दासो के शेयर 22 फीसदी चढ़ गए. भारतीय मीडिया के मुताबिक यह 10.2 अरब डॉलर (लगभग 500 अरब रुपये) का सौदा है. वहीं फ्रेंच मीडिया इसे 12 अरब डॉलर की डील बता रहा है.

सौदे को मिली हरी झंडी की जानकारी देते हुए एक सूत्र ने कहा, "फ्रांसीसी फर्म दासो सबसे निचले बोलीदार के रूप में सामने आया. टेंडर में यह अपने यूरोपीय प्रतिद्वंद्वी ईएडीएस से सस्ता है." ईएडीएस यूरोफाइटर और एयरबस बनाती है.

भारत सरकार ने दासो के अधिकारियों को जानकारी दे दी है. अगले 10-15 दिनों में कीमतों को लेकर कुछ और बातचीत की जाएगी. करार पर अगले वित्तीय वर्ष में ही दस्तखत होंगे. हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में होने वाली बातचीत करार पर जरूर प्रभाव डालेगी.

जेन्स डिफेंस पत्रिका के एशिया प्रशांत संपादक जेम्स हार्डी कहते हैं, "यह राफाल की बड़ी जीत है." लेकिन हार्डी ने नसीहत देते हुए कहा कि सौदे पर आखिरी मुहर अभी बाकी है, "राफाल को वरीयता प्राप्त बोलीदार के रूप में चुना गया है. लेकिन भारत की सरकारी खरीद को जानने वाला कोई भी यह जानता है कि जब तक करार पर दस्तखत न हो जाएं तब तक इसका कोई अर्थ नहीं है."

करार के मुताबिक विजेता को अगले तीन साल में 18 विमान वायु सेना को सौंपने होंगे. बाकी 108 विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बैंगलोर कारखाने में बनाए जाएंगे.

अगर करार हुआ तो यह भारत के रक्षा इतिहास का यह सबसे बड़ा सौदा होगा. इसके लिए अमेरिका, जर्मनी, रूस, फ्रांस और स्वीडन के बीच कड़ा मुकाबला था. अमेरिका भारत को एफ-16 और एफ-18, रूस मिग-35, जर्मनी यूरोफाइटर और स्वीडन ग्रिपन विमान बेचना चाहता था. लेकिन अप्रैल में रक्षा मंत्रालय ने रूस, अमेरिका और स्वीडन के टेंडर गिरा दिए. राफाल और यूरोफाइटर के आगे यह विमान पुराने और धीमे हैं.

राफाल बनाम टायफून

ऊंच इलाकों में राफाल की उच्चतम रफ्तार 2130 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है. विमान एक बार में 3700 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर सकता है. किसी चपल बाज की तरह राफाल एक मिनट में 60,000 फुट की ऊंचाई तक जा सकता है.

वहीं टायफून अत्यधिक ऊंचाई पर 2,495 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है. टायफून एक मिनट के भीतर 62,000 फुट की ऊंचाई पर जा सकता है. टायफून को जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया और सऊदी अरब ने मिलकर बनाया है. लेकिन टायफून ज्यादा महंगा है.

राफाल जहां हवा से जमीन पर मार करने में अचूक है. वहीं जबरदस्त रडार वाला यूरोफाइटर टायफून हवा से हवा में मार करने के मामले में अब तक सबसे उन्नत विमान है. एविशन क्षेत्र जानकार दोनों विमान में 19-20 की फर्क करते हैं. घातक दांव पेंचों के मामले में नए टायफून का कोई तोड़ नहीं है. लेकिन राफाल जांचा परखा और विश्वसनीय लड़ाकू विमान है.

रिपोर्ट: पीटीआई, एएफपी, डीपीए/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी