जर्मनी भी जानता है सऊदी गुस्से को
९ अगस्त २०१८रियाद ने कनाडा के लिए हवाई संपर्क तोड़ दिया है, नए आर्थिक समझौतों पर रोक लगा दी है और सऊदी छात्रों के लिए 15,000 छात्रवृतियों को फ्रीज कर दिया है. वहां कनाडा के अस्पतालों से सऊदी मरीजों को भी वापस बुला रहा है.
और इस सब की वजह है कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का ट्वीट जिसमें महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए सऊदी अरब की आलोचना की गई थी. उनमें गिरफ्तार ब्लॉगर रइफ बदावी की बहन भी शामिल है. रइफ बदावी की पत्नी ने हाल ही में कनाडा की नागरिकता ली है.
बर्लिन के कूटनीतिक जख्म
जर्मनी को पता है कि सऊदी अरब सरकार की आलोचना की क्या प्रतिक्रिया होती है. जर्मनी के तत्कालीन विदेश मंत्री जिगमार गाब्रिएल की सऊदी अरब की आलोचना के नौ महीने बाद भी दोनों देशों के बीच राजनयिक जख्म भरे नहीं हैं. उस समय आलोचना की प्रतिक्रिया में सऊदी अरब ने बॉन से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था, जो अभी तक अपनी पोस्ट पर वापस नहीं लौटा है.
हालांकि जर्मन उद्योग को जिस नुकसान का डर था वह अब तक निराधार साबित हुआ है. रियाद में स्थित जर्मन विदेश व्यापार संघ के दफ्तर के अनुसार इस साल मई तक पहले पांच महीने में पारस्परिक व्यापार में 4.5 फीसदी का इजाफा ही हुआ है. जर्मन विदेश व्यापार संघ के प्रतनिधि ओलिवर ओेम्स का कहना है कि 90 फीसदी उद्यमों का मानना है कि व्यापार मध्यम गति से चल रहा है.
और जिन दस प्रतिशत उद्यमों में कारोबार में कमी आई है वे सरकारी ऑर्डर पर निर्भर हैं. इनमें सीमेंस के अलावा बहुत सारे मझौले उद्यम भी शामिल हैं. उद्योग जगत को जल्द ही राजनीतिक संकट खत्म होने की उम्मीद है.
पश्चिमी देशों की एकजुटता?
जर्मन विदेश मंत्रालय का कहना है कि सऊदी अरब के साथ मंत्री स्तर पर बातचीत चल रही है. और इसमें जर्मनी कैसी संवेदनशीलता दिखा रहा है यह कनाडा विवाद में जर्मनी के संयम में दिखता है. जर्मन सरकार की प्रवक्ता उलरिके डेमर कहती हैं, "सरकार की उम्मीदें इस पर है कि कूटनीतिक और दूसरे रिश्ते फिर से बेहतर बनेंगे." जर्मनी ओटावा और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की उसकी आलोचना के साथ एकजुटता दिखाने से बच रहा है. हालांकि उलरिके डेमर इस बात पर जोर देती हैं कि जर्मनी कनाडा के साथ पश्चिमी सहबंध में जुड़ा है.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद की नई सरकार इस बात का प्रदर्शन कर रही है कि वह निकट व्यापारिक सहयोगियों से भी खुली आलोचना को बर्दाश्त नहीं करेगी. सऊदी विदेश मंत्री आदेल बिव अल जुबैर कनाडा से कह रहे हैं कि बातचीत के लिए कुछ भी नहीं है, ओटावा को पता है कि "गलती" सुधारने के लिए उसे क्या करना है. तो जर्मनी कूटनीतिक सबक के मामले में अपने सहयोगी कनाडा से आगे लगता है. जो पश्चिमी देशों के मूल्य आधारित सहबंध में दरार देखना चाहता है, उसे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से परे, मानवाधिकार के इस मामले में भी संकेत दिखेंगे.