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आसमान में उड़ान के सरताज थे ये डायनासोर

३० अक्टूबर २०२०

डायनासोर भाई बहनों के साथ लुप्त होने से पहले पंख वाले ज्यादातर टेरोसॉरस हवा में महज उछाल भरने से आगे बढ़ कर आसमान में उड़ान के सरताज बन गए थे. बुधवार को प्रकाशित एक नई रिसर्च रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

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Dinosaurier Pteranodon
तस्वीर: M. Klindwort/blickwinkel/McPHOTO/picture alliance

डायनासोर की पंखों वाली प्रजाति के टेरोसॉरस वो पहले जीव थे जो अपने दम पर आसमान में उड़ने में कामयाब हुए. ट्रियासिक युग (23 -19 करोड़ साल पहले) के बाद के सालों में कुछ बड़े जीव मौजूद थे जिन्होंने आसमान में उड़ान भरी. जीवाश्म विज्ञानी आज भी टुकड़े टुकड़े जोड़ कर इन उड़ने वाले सरीसृपों के जीवन का खाका खींच रहे हैं. ये ना तो डायनासोर थे और ना ही चिड़िया, लेकिन टी-रेक्स, ट्राइसेराटॉप्स और क्रेटेसियस युग (13.5 -6.5 करोड़ साल पहले) के दूसरे डायनासोर से पहले आए.

नेचर पत्रिका में टेरोसॉरस पर छपी दो में से एक रिपोर्ट के रिसर्चरों ने पाया है कि यह जीव केवल आरंभिक उड़ान भर रहा था, ज्यादा ऊपर नहीं जा सका. हालांकि सांख्यिकीय तरीकों, जैवभौतिकी मॉडल और जीवाश्मों के रिकॉर्ड का इस्तेमाल करने वाली रिसर्च ने बताया है कि 15 करोड़ साल पहले टेरोसॉरस शानदार उड़ान भरने लगा था. रिपोर्ट की सह लेखिका और रीडिंग यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर जोआना बेकर का कहना है, "टेरोसॉरस सचमुच एक अतुलनीय जीव था. जैसे जैसे टेरोसॉरस उड़ने में दक्ष होता गया वह बिना आराम किए लंबी लंबी दूरी की उड़ान भरने लगा था."

Dinosaurier Pteranodon
तस्वीर: Peter Schickert/picture alliance

लड़ाकू विमान जितने बड़े पंख

वैज्ञानिकों ने टेरोसॉरस के दर्जनों जीवाश्मों की खोज की है जो पूरी धरती पर बिखरे हुए हैं. यह जीवाश्म गौरैया से थोड़े बड़े जीवों से लेकर जिराफ जितने बड़े जीवों के हैं और इनके पंखों का विस्तार किसी लड़ाकू विमान के डैनों के बराबर है. करीब 6.5 करोड़ साल पहले धरती पर अंतरिक्ष से आए एक विशाल उल्का पिंड की टक्कर से ये शानदार जीव डायनासोर और दूसरे कई जीवों के साथ ही खत्म हो गए.

Cryodrakon Boreas - neue entdeckte Dinosaurier Art in Alberta, Kanada
तस्वीर: Illustration/David Maas

बेकर का कहना है कि इन जीवों में उड़ने की दक्षता उनके पंखों के विस्तार से आई. वो बताती हैं, "करोड़ों साल तक इनका अस्तित्व था और इस दौर में उनके पंख बड़े से और बड़े होते गए और आमतौर पर यही कहा जाता है कि जितने बड़े पंख होंगे जीव उतना बढ़िया उड़ान भरेगा." हालांकि उनके बड़े आकार को देखते हुए उनकी बेहतरी के बारे में विचार किया जाए तो समय के साथ यह और बेहतर होता गया कम से कम 50 फीसदी.

इनमें अपवाद हैं टेरोसॉरस परिवार के सबसे बड़े सदस्य अजडारचिड. पहले की रिसर्चों से पता चला है कि इन विशालकाय जीवों का ज्यादातर समय धरती पर बीता. अब रिसर्चरों ने पता लगाया है कि ये बड़े जीव भी उड़ सकते थे लेकिन समय के साथ इनकी उड़ान बेहतर नहीं हुई.

टेरोसॉरस खाता क्या था

नेचर में प्रकाशित दूसरी रिपोर्ट के रिसर्चर लेस्टर यूनिवर्सिटी और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के हैं. उन्होंने इन उड़ने वाले शिकारियों के जीवाश्मों की दांतों की बेहद सूक्ष्म दरारों और गड्ढों का अध्ययन किया है, ताकि यह पता लगा सकें कि वे क्या खाते थे और समय के साथ उनकी खुराक में क्या बदलाव आया.

इस रिसर्च ने टेरोसॉरस की 17 प्रजातियों का अध्ययन किया जो 20.8 करोड़ साल से लेकर 9.4 करोड़ साल पहले तक के दौर के हैं. इनके दांतों पर बने निशानों की तुलना आधुनिक घड़ियालों और छिपकलियों से की गयी. रिपोर्ट के प्रमुख लेखर जॉर्डन बेस्टविक ने बताया, "कवच या हड्डियों जैसी कुरकुरी चीजों को खाने से खुरदरी बनावट पैदा होती है जबकि मछली और मांस जैसे नरम भोजन खाने से चिकनी बनावट."

Brasilien Neue Pterosaurierart wurden entdeckt
तस्वीर: Cenpaleo/Divulgação

देखा गया है कि शुरुआती टेरोसॉरस ज्यादातर अकशेरुकी यानी निर्बल जीवों को अपना आहार बनाते थे जबकि बाद की प्रजातियों ने मांस और मछली खाना शुरू किया. बेस्टविक ने कहा, "दिलचस्प यह है कि खुराक में यह बदलाव 15 करोड़ साल पहले तेज हो गया जो कि वही समय है जब चिड़ियों की उत्पत्ति हो रही थी."

उन्होंने कहा कि अभी यह पता लगाने के लिए कि क्या संक्रमण काल में क्या शुरुआती चिड़ियों से इनका कोई मुकाबला भी हुआ था, क्योंकि शुरुआती चिड़िया बहुत अच्छा उड़ान नहीं भरती थी. उनका आकार कबूतर जैसा था और वो अपना भोजन छोटे मोटे कीड़ों के शिकार से जुटाती थी.

बेस्टविक के मुताबिक अगर पक्षी छोटे आकार के टेरोसॉरस पर इस तरह के शिकार के मामले में बढ़त पाने में सक्षम थे, तो शायद उन "टेरोसॉरस के, जो ज्यादा बड़े विकसित हुए और मछली या सरीसृपों जैसे बड़े जीवों का शिकार कर सकते थे उनके बचे रहने की ज्यादा संभावना होती."

एनआर/एमजे (एएफपी)

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