1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इंसानों के पहले से खेती कर रही हैं चींटियां

१३ अप्रैल २०१७

छोटी सी चींटियां इंसानों से भी अधिक एडवांस हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक मनुष्यों की तुलना में लाखों वर्षों पहले से चींटियां एक खास वातावरण तैयार करके खेती करती रही हैं.

https://p.dw.com/p/2bAjh
Ameise wird von anderer Ameise weggetragen
तस्वीर: Frank et al. Sci. Adv. 2017

एक अध्ययन के मुताबिक चींटियां इंसानों के पहले से खेती जानती हैं. यह तो बहुत पहले से पता है कि चींटियों की दर्जनों प्रजातियां कवक की खेती करती हैं, जिसे लारवा को खिलाया जाता है. कुछ चीटियां तो इस प्रक्रिया में और आगे बढ़ गयी हैं और उन्होंने कवक को इस तरह संशोधित कर लिया है कि वह अपने आप नहीं उगता, बल्कि उसे उगाना पड़ता है. यह ठीक वैसे ही है जैसे इंसानी इस्तेमाल के लिए जीन संवर्धित फसलों को कीटनाशक या अन्य चीजों का इस्तेमाल करके ही तैयार किया जा सकता है.

अमेरिकी नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के चींटी विशेषज्ञ और इस अध्ययन की रिपोर्ट को लिखने वाले माइकल ब्रेंस्टेटर के मुताबिक करोड़ों साल की अवधि के दौरान चीटियों ने कवक को उगाने का तरीका सीखा है. इस नये अध्ययन में पहली बार देखा गया है कि कुछ चींटियां तो खेती के नये स्तर तक तीन करोड़ों साल पहले ही पहुंच गई थी. शायद ठंडे और गर्म वातावरण से निपटने के लिए उन्हें यह सब सीखना पड़ा. ब्रेंस्टेटर के मुताबिक इन कवकों को दक्षिण अमेरिका की शुष्क जलवायु में ही पैदा किया जा सकता है.

प्रोसिडिंग्स ऑफ रॉयल सोसाइटी बी पत्रिका में छपे अध्ययन मुताबिक अब वैज्ञानिक आधुनिक तकनीकों के जरिये चींटी की 119 आधुनिक प्रजातियों के 1500 डीएनए सैंपल की तुलना कर रहे हैं. इनमें से दो तिहाई नमूने खेती करने वाली चींटियों के हैं. 

आंट म्यूजियम के क्यूरेटर और वरिष्ठ शोधार्थी टेड शुल्त्स के मुताबिक चींटियों का भी एक बड़ा तबका लाखों सालों से बड़े स्तर पर कृषि में लगा हुआ है और शायद इसमें मनुष्यों के लिये भी कोई सीख छुपी हो.

Ameise - Rote Waldameise
तस्वीर: picture alliance/blickwinkel/J. Kottmann

उन्होंने बताया कि ये चींटियां इंसानों की तरह ही अपने भोजन के लिये ऐसी फसल को चुनती हैं जिनमें कीटों और सूखे से लड़ने की क्षमता हो. शुल्त्स के मुताबिक जैसे शुष्क जलवायु में रहने वाले लोग समशीतोष्ण पौधों को उगाने के लिये ग्रीनहाउस या एक नियंत्रित वातावरण तैयार करते हैं वैसे ही ये चींटियां भी अपने फंगल गार्डन में आर्द्रता जैसे कारकों को बनाये रखती हैं. अगर उन्हें अपने गार्डन सूखे नजर आते हैं तो वह बाहर जाकर पानी लाती हैं और उनमें डालती हैं. वहीं अगर इनमें जल की मात्रा अधिक होती है तो वे इसका ठीक उलट करती हैं. कवक ऐसे सूक्ष्मजीव हैं जो न तो पौधे होते हैं और न ही इन्हें जीव माना जाता है.

एए/एके (रॉयटर्स)