ईरान के प्रदर्शनों में 208 लोग मारे गए: एमनेस्टी
३ दिसम्बर २०१९ईरान में गैसोलीन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कई शहरों में सरकार-विरोधी प्रदर्शन हुए. एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि हफ्तों तक चले प्रदर्शनों के दौरान सरकारी बलों ने ताकत का प्रयोग किया जिसकी वजह से कम से कम 208 लोग मारे गए हैं.
एमनेस्टी का कहना है, "15 नवंबर को शुरू हुए प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या कम से कम 208 हो गई है. यह आंकड़ा संगठन को मिली विश्वसनीय रिपोर्टों के आधार पर तैयार किया गया है." एमनेस्टी का कहना है कि मरने वालों की असल तादाद इससे कहीं ज्यादा हो सकती है.
नए आंकड़े में मरने वालों की संख्या में 50 की वृद्धि हुई है. एमनेस्टी का कहना है कि मृतकों में ज्यादातर लोग तेहरान प्रांत के शहरियार शहर के हैं. ईरान में पिछले महीने पेट्रोल के दाम अचानक 200 प्रतिशत बढ़ा दिए गए, जिसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए. लेकिन अधिकारियों ने प्रदर्शनों को ताकत के जरिए कुचलने की कोशिश की. एक हफ्ते तक इंटरनेट पर भी बैन रहा.
एमनेस्टी इंटरनेशनल में मध्य पूर्व रिसर्च प्रमुख फिलिप लुथर ने कहा कि मारे गए लोगों की संख्या से साफ होता है कि "ईरान के सुरक्षा बलों ने अंधाधुंध तरीके से लोगों को मारा है." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को उनके कृत्य के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.
ईरानी अधिकारियों का कहना है कि पिछले महीने दो लाख लोगों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और कुछ लोगों ने बैकों, पुलिस स्टेशनों और गैस स्टेशनों पर हमले किए. यह प्रदर्शन ईरान के 100 शहरों में हुए. एमनेस्टी का कहना है कि जिन लोगों से उसकी बात हुई है, उनका कहना है कि "पीड़ितों के परिवारों से धमकी दी गई है कि मीडिया से बात ना करें और मारे गए अपने परिजनों का अंतिम संस्कार भी ना करें."
ईरान ने अभी तक ऐसा कोई डाटा जारी नहीं किया है जिससे पता चले कि देशव्यापी प्रदर्शनों में कितने लोग मारे गए हैं. उसने सिर्फ पांच लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. सरकार ने एमनेस्टी की तरफ से पहले जारी मृतकों के आंकड़े को खारिज किया था.
ईरानी संसद के स्पीकर अली लारिजानी से जब रविवार को मृतकों की संख्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, "हालिया घटनाओं में कुछ लोग घायल हुए हैं या उन्हें परेशानी हुई या लोगों की संपत्तियां जला दी गई या उन्हें नुकसान पहुंचाया गया.. सुरक्षा संस्थाएं निश्चित तौर पर इन मामलों को देखेंगी और ऐसा करना उनकी जिम्मेदारी है."
अली लारिजानी ने कहा कि ईरान का संविधान प्रदर्शन करने का अधिकार देता है, लेकिन "लेकिन समस्या तब होती है जब प्रदर्शनकारी हिंसक व्यवहार करने लगे और कुछ लोग तो हथियार और बंदूकें इस्तेमाल करते हैं."
एके/आरपी (एपी, एएफपी)
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