ईरान में 30,000 कंप्यूटरों में वायरस
२८ सितम्बर २०१०ईरान के उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाली सूचना और तकनीक परिषद के अध्यक्ष महमूद लियाई ने सरकारी अखबार से बातचीत में कहा कि अब तक स्टक्स नेट से ईरान के 30000 कंप्यूटर प्रभावित हुए हैं.
स्टक्स नेट नाम के वायरस का पता जून में चला. इसका असर सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन (एससीएडीए) नाम की प्रणाली पर होता है. इस ऑटोमेटिक सिस्टम को पानी, तेल के कुएं, ऊर्जा संयंत्र और दूसरी औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन के लिए काम में लिया जाता है.
समझदार
ये वायरस बहुत समझदार है. ये किसी खास सिस्टम के कंट्रोल नेटवर्क को समझ लेता है और उसे खत्म कर देता है. जर्मन कंप्यूटर सुरक्षा मामलों के रिसर्चर राल्फ लांगनर को संदेह था कि बुशेर के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के कंप्यूटरों पर भी इस वायरस ने हमला किया हो सकता है लेकिन ईरान के सरकारी अधिकारियों ने इसका खंडन किया है.
बुशेर प्रोजेक्ट मैनेजर महमूद जाफरी ने कहा, "प्लांट में सभी कंप्यूटर ठीक काम कर रहे हैं और कोई भी स्टक्स नेट से क्रैश नहीं हुआ है. वायरस के कारण बुशेर के मुख्य सिस्टम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है."
पश्चिम पर आरोप
जानकारों का मानना है कि ये वायरस किसी देश के सहयोग से बनाया गया है. ईरान के अखबार ने मोहम्मद लियाई के हवाले से लिखा है, "स्टक्स नेट वायरस ईरान के खिलाफ पश्चिम के इलेक्ट्रॉनिक हथियार के तौर बनाया गया है." इस्राएल ने संदेह जताया था कि ये कीड़ा ईरान के परमाणु संयंत्र के लिए खतरा हो सकता है.
लियाई ने बताया कि जब किसी कारखाने के कंप्यूटर में ये वायरस घुस जाता है तो वह उत्पादन की सभी जानकारी किसी और जगह भेजने लगता है. "इस वायरस को बनाने वाले आर्किटेक्ट के पास सारा डाटा जाता है और फिर इंजीनियर देश पर हमले का षडयंत्र बना सकते हैं."
आम तौर पर भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया में सीमन्स के कंप्यूटरों ये वायरस मिलता है लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर फिलहाल ईरान में है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार