उग्र दक्षिणपंथ के शिकारों के लिए शोक सभा
२३ फ़रवरी २०१२शोक सभा में मुख्य भाषण देते हुए मैर्केल ने मृतकों का एक एक कर नाम लिया और उनके बारे में बताया. एक मृतक के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "उम्मीद और सपने उनके साथ थे, लेकिन उन्हें पूरा करने का कोई मौका नहीं था." मृतकों की याद में एक मिनट का मौन रखे जाने के बाद चांसलर ने कोलोन में बम हमले में घायल हुए लोगों की भी चर्चा की. "बहुत से लोगों को बाहरी चोट पहुंची. भावनात्मक चोट कितना दर्द देती है, इसकी हम सिर्फ कल्पना कर सकते हैं." मैर्केल ने जर्मनी के सभी लोगों से हमदर्दी और चौकसी की अपील करते हुए कहा, "उदासीनता का नतीजा गंभीर होगा."
जर्मन चांसलर ने मृतकों के परिवार वालों से जांच एजेंसियों द्वारा उनपर गलत संदेह किए जाने के लिए माफी मांगी. शोक सभा को संबोधित करते हुए मैर्केल ने कहा, "उसके लिए मैं माफी मांगती हूं." तुर्की और ग्रीक आप्रवासियों की हत्या के बाद कुछ मामलों में जांच अधिकारियों ने हत्या को ड्रग कारोबार से जुड़ा माना था और मृतकों तथा उनके परिवार वालों पर उसमें लिप्त होने का शक किया. चांसलर ने कहा कि यह खास तौर पर भयावह है कि परिवारवालों पर अनुचित ही शक किया गया.
अब तक जर्मनी में ऐसा कोई शोक समारोह आयोजित नहीं हुआ है. इस बीच इस्तीफा दे चुके राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ ने मृतकों के परिजनों से भेंट करके शोक सभा की पहल की थी. 2000 से 2007 के बीच संदिग्ध रूप से नवनाजियों द्वारा मारे गए विदेशी मूल के लोगों और एक पुलिसकर्मी की स्मृति में बर्लिन के कंसर्ट हाउस में 1200 मेहमानों को आमंत्रित किया गया है. मृतकों की दो बेटियां भी हिंसा का शिकार हुए परिवारों की ओर से सभा को संबोधित कर रही हैं.
सभा में विदेशी विरोधी हिंसा और लोकतंत्र के लिए सक्रिय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं. इनमें केंद्र सरकार के प्रमुख प्रतिनिधियों के अलावा प्रांतीय मुख्यमंत्री और संसद के सदस्य भी शामिल होंगे. मारे गए लोगों में से आठ तुर्की मूल के थे जबकि एक ग्रीक था. सिरीयल हत्याओं के पता चलने के बाद से ही केंद्रीय शोक सभा की मांग उठने लगी थी.
सरकार ने मांगी माफी
जर्मनी में सदमा अभी भी गहरा है क्योंकि बहुत सारे संकेतों के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों ने अपराध की उग्र दक्षिणपंथी पृष्ठभूमि को नजरअंदाज किया और मारे गए लोगों के इर्द गिर्द जांच पड़ताल की गई. सरकार ने जांच अधिकारियों की इस गलती के लिए खुलेआम माफी मांगी है. इसके अलावा मृतकों के परिजनों की मदद और सुरक्षा संरचना को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
जर्मन संसद ने भी नवंबर में सिलसिलेवार हत्याओं का पता चलने के बाद शोक, निराशा और दुख का इजहार किया. संसद के अध्यक्ष नॉर्बर्ट लामर्ट ने उस समय कहा, "हमें इस बात पर शर्म है कि केंद्र और राज्य सरकारों की सुरक्षा एजेंसियां सालों तक योजना बनाकर अंजाम दिए गए अपराध का समय पर न तो पता कर पाई और न उसे रोक पाई." संसद की पांच पार्टियों ने एक साझा बयान जारी करने का भी फैसला लिया. इस बयान में कहा गया, "हमें गहरा शर्म है कि नाजी शासन के भयानक अपराधों के उग्र दक्षिणपंथी विचारधारा ने हमारे देश में कल्पना न कर सकने वाली हत्याओं का खूनी निशान छोड़ा है."
संयोग से मिली जानकारी
पिछले साल जर्मन शहर स्विकाऊ के आतंकी गुट का पता चला था. जांचकर्ताओं की जानकारियों के अनुसार इस गुट के सदस्यों ने सालों तक आप्रवासियों की हत्या की. हत्या की उग्र दक्षिणपंथी पृष्ठभूमि का पता पुलिस जांच से नहीं बल्कि संयोग से चला, जब इस गुट के दो सदस्यों ने आत्महत्या कर ली. जर्मन संसद में जांच में हुई गलतियों का पता लगाने के लिए एक जांच आयोग की नियुक्ति की जिसकी अध्यक्षता भारतीय मूल के सांसद सेबाश्चियन एडाथी कर रहे हैं.
उग्र दक्षिणपंथी हिंसा का शिकार होने वाले लोगों की स्मृति में केंद्र सरकार के दफ्तरों पर झंडा झुका रहेगा. जर्मनी की नियोक्ता संघ और ट्रेड यूनियनों ने भी बारह बजे एक मिनट का मौन रखने की अपील की है. बर्लिन और हैम्बर्ग में एक मिनट के लिए सार्वजनिक परिवहन को भी रोक दिया जाएगा.
रिपोर्ट: डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी/महेश झा
संपादन: ए जमाल