ऐसे हुई कसाब पर मुकदमे की कार्रवाई
२१ फ़रवरी २०११2011
21 फरवरी - कसाब पर बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला आया
7 फरवरी - बॉम्बे हाई कोर्ट ने अंतिम सुनवाई के लिए 21 फरवरी का दिन तय किया
2010
18 अक्तूबर - अपील के बाद कसाब की सुनवाई शुरू. आर्थर रोड जेल में कैद कसाब वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में शामिल. सुनवाई के दौरान हंसता और ऊंघता दिखाई देता है कसाब. जब जजों ने उसे निजी रूप से सुनवाई में शामिल करने से इनकार किया, तो कसाब हिंसक हो गया और कैमरे पर थूकने लगा. उसने अमेरिका भेजे जाने की मांग की
28 सितंबर - कसाब ने फांसी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की
6 मई - जज एमएल तहलियानी ने कसाब को फांसी की सज़ा सुनाई.
3 मई - कसाब के ख़िलाफ़ लगे 86 आरोपों में से अधिकतर मामलों में उसे दोषी क़रार दिया गया. भारत के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने और हत्या सहित कई आरोप साबित.
31 मार्च - सुनवाई के बाद जज ने फ़ैसले पर विचार करने के लिए अदालत की कार्रवाई स्थगित की.
22 मार्च - अदालत ने पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली को ग़वाह के तौर पर बुलाने की याचिका को ख़ारिज किया. अमेरिकी हिरासत में हेडली ने हमले के लिए लक्ष्यों की जानकारी जुटाने की बात स्वीकारी.
2009
18 दिसम्बर - कसाब अपने बयान से मुकरा और कहा कि पुलिस ने उस पर दबाव डालकर जुर्म क़बूलने के लिए कहा. उसे फंसाया जा रहा है.
16 दिसम्बर - अभियोजन पक्ष केस पूरा करती है.
30 नवम्बर - कसाब के वकील अब्बास काज़मी को अदालत हटा देती है. अदालत का कहना है कि काज़मी अदालत के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं और समय बर्बाद कर रहे हैं. काज़मी के जूनियर केपी पवार को वकील नियुक्त किया जाता है.
23 जुलाई - जज अपने आदेश में कहते हैं कि कसाब पर मुक़दमा जारी रहेगा क्योंकि कसाब ने अपने इक़बालिया बयान में सिर्फ़ कुछ ही आरोपों को स्वीकार किया है.
20 जुलाई - कसाब अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करता है. कसाब इक़बालिया बयान में कहता है कि वह मुंबई हमलों में शामिल था. कसाब अदालत को बताता है कि कैसे उसने मुंबई के रेलवे स्टेशन पर हमला किया और मुंबई हमलों में शामिल साथियों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली.
6 मई - कसाब अपने ऊपर लगे सभी 86 आरोपों में अपने को निर्दोष बताता है.
28 अप्रैल - मेडिकल टेस्ट में पुष्टि होती है कि हमलों के दौरान कसाब की उम्र 18 साल से ज़्यादा थी. कसाब ने पहले दावा किया था कि वह नाबालिग है और उस पर बालिगों की अदालत में मुक़दमा नहीं चलना चाहिए.
17 अप्रैल - अभियोजन पक्ष के वकील उज्ज्वल निकम अपना पक्ष रखना शुरू करते हैं. निकम आरोप लगाते हैं कि मुंबई हमलों की साज़िश पाकिस्तान में रची गई. उनकी दलील है कि पाकिस्तान में आतंकवादी की संस्कृति संस्थागत रूप ले चुकी है.
16 अप्रैल - कसाब के लिए नए वकील अब्बास काज़मी को नियुक्त किया जाता है.
15 अप्रैल - केस शुरू होने से कुछ ही समय पहले कसाब के लिए नियुक्त वकील अंजलि वाघमारे को हटा दिया जाता है क्योंकि मुंबई हमले से जुड़े एक अन्य मामले में वह ग़वाह हैं.
30 मार्च - कसाब के लिए अंजलि वाघमारे को वकील के तौर पर नियुक्त किया जाता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा