ओबामा की सीट भी नहीं बचा पाए
३ नवम्बर २०१०इन चुनावों में राष्ट्रपति ओबामा की पार्टी के हाथ से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव का बहुमत निकल गया. अब यहां रिपब्लिकन पार्टी का परचम लहरा रहा है. रिपब्लिकन पार्टी को हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव में बहुमत के लिए 40 सीटों की जरूरत थी पर उसे मिले कहीं ज्यादा. कुल 58 सीटें उसके खाते में आ चुकी हैं.
सेनेट का हाल भी ओबामा के पक्ष में नहीं. अब तक आए नतीजों के मुताबिक डेमोक्रैट्स 51 सीटें अपने पास रखने में कामयाब हुए हैं हालांकि रिपब्लिकन ने यहां भी अच्छी सेंध लगाई है और उनके पास 46 सीटें आ गई हैं. तीन सीटों पर वोटों की गिनती का काम अभी जारी है.
अलास्का, कॉलराडो और वॉशिंगटन के नतीजे राष्ट्रपति ओबामा के लिए कुछ और बुरी खबरें ला सकते हैं. वैसे डेमोक्रैट्स के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी तो तभी सामने आ गई जब वे राष्ट्रपति बराक ओबामा की पुरानी सीट पर भी हार गए. इलिनोई की सीट अब रिपब्लिकन पार्टी के मार्क किर्क के हाथ में है. 2008 में यह सीट ओबामा के राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर डेमोक्रैटिक पार्टी के एलेक्सी गियानौलियास को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. वैसे इलिनोई की सीट इसके पहले भी ओबामा के लिए बुरी खबरें ला चुकी है. ओबामा के बाद यहां के गवर्नर बने रॉड ब्लागोजेविच पर अपनी सीट ज्यादा पैसे देने वाले के हाथों बेचने के आरोप लगे. इसके अलावा भ्रष्टाचार के कुछ और आरोपों में वह आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं. 2009 में ब्लागोजेविच की जगह ओबामा ने रोलैंड बरीस को चुना पर उन्होंने इस बार के चुनाव में खड़े होने से इंकार कर दिया.
राष्ट्रपति ने अपनी पार्टी की हार मान ली है और जॉन बोहेनर समेत जीते हुए सभी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए उन्हें चाय पार्टी पर आमंत्रित किया है. राष्ट्रपति ने भरोसा दिलाया है कि वे दोनों पार्टियों के मेलजोल से फैसले लेने की कोशिश करेंगे. जॉ़न बोहेनर अब हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में स्पीकर का पद संभालेंगे. जॉन बोहेनर के दो दशक पुराने राजनीतिक करियर की यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और जीत की खबर मिलते ही उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. मौजूदा स्पीकर नैन्सी पेलोसी को अपनी सीट छोड़नी पड़ेगी. जॉन बोहेनर ने ओहायो से जीत दर्ज की है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार