ओलंपिक खेल: कहीं जश्न कहीं विरोध
२६ जुलाई २०१२गुरुवार को भोपाल में विकलांग बच्चों के लिए 'स्पेशल ओलंपिक्स' का आयोजन किया जा रहा है. खेलों का मकसद है, लंदन ओलंपिक खेलों के स्पांसर डाऊ केमिकल्स के खिलाफ विरोध जताना. शुक्रवार को औपचारिक तौर पर लंदन में ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी. उससे एक दिन पहले भोपाल में इन खेलों का आयोजन किया जा रहा है. हालांकि इस तरह के प्रदर्शन का कोई असर देखने को मिलेगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है.
1984 में भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में हुई गैस त्रासदी के नतीजे आज भी देखे जा सकते हैं. 1999 में डाऊ केमिकल्स ने यूनियन कार्बाइड को खरीदा लेकिन हाल ही में एक अमेरिकी अदालत ने फैसला लिया कि डाऊ का हादसे से कोई लेना देना नहीं था. भोपाल गैस त्रासदी को दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा कहा जाता है. हादसे में हजारों लोगों की जानें गईं. 1984 के बाद भी अगली कई पीढ़ियों को मानसिक और शारीरिक तौर पर नुक्सान पहुंचा.
ऐसे ही मानसिक और शारीरिक विकलांग बच्चे इन खास खेलों में हिस्सा ले रहे हैं ताकि दुनिया को भोपाल हादसे की याद दिलाई जा सके. कार्यक्रम की आयोजक रचना ढींगरा ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हम यह इसलिए कर रहे हैं कि डाऊ केमिकल्स की अपने अपराध धोने की कोशिश रोक सकें. यह हास्यास्पद है की जिस कंपनी ने भोपाल में लोगों को विकलांग कर दिया वही ओलंपिक खेलों का प्रायोजन कर रही है." स्पेशल ओलंपिक्स में फुटबॉल और क्रैब वॉक जैसे खेले रखे गए हैं. क्रैब वॉक एक ऐसी दौड़ है जिसमें विकलांग बच्चे पैरों की जगह हाथों का इस्तेमाल करेंगे.
जहां एक तरफ ऐसा प्रदर्शन हो रहा है वहीं लंदन में जश्न का माहौल छाया हुआ है. शुक्रवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में करीब 80 हजार लोगों के आने की उम्मीद है. बुधवार शाम मशहूर बॉक्सर मुहम्मद अली के सम्मान में लंदन में पार्टी भी दी गई. इस पार्टी की मेजबानी हॉलीवुड के बहुचर्चित जोड़े ब्रैड पिट और एंजलीना जोली ने की.
70 साल के मुहम्मद अली का सम्मान लंदन के प्रतिष्ठित विक्टोरिया एंड एल्बर्ट म्यूजियम में किया गया. इस मौके पर फॉर्मूला वन ड्राइवर लूइस हैमिल्टन और पूर्व टेनिस स्टार बोरिस बैकर जैसी हस्तियां मौजूद थीं. बोरिस ने इस मौके पर कहा, "मेरे लिए दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी की मौजूदगी में होना बहुत ही सम्मान की बात है. उन्होंने पूरी दुनिया को अपना खेल दिखाया. एक खिलाड़ी से वह शांति के दूत बन गए. उनका जीवन बेहद अद्भुत रहा है." 1960 में मुहम्मद अली को रोम ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक मिला. अश्वेत होने के कारण एक रेस्तरां में उन्हें जाने नहीं दिया गया. इस बात से निराश होकर उन्होंने अपना मेडल ओहायो नदी में फैंक दिया. 1986 में अटलांटा ओलंपिक खेलों के दौरान उन्हें एक बार फिर मेडल दिया गया.
मुहम्मद अली के भाई रहमान ने इस अवसर पर कहा, "मैं यहां आकर बहुत खुश हूं और मुझे अपने भाई पर नाज है." रहमान ने कहा कि अली ने 1960 में स्वर्ण पदक जीता था और वह उम्मीद करते हैं कि अमेरिका की टीम इस बार वैसा ही करिश्मा दिखा पाएगी.
आईबी/एमजी (एएफपी)