काइज़र्सलाउटर्न का लाल शैतान
१७ अगस्त २०१०पिछले सीज़न में दूसरी लीग का चैंपियन बनकर 1. एफ़सी काइज़र्सलाउटर्न इस बार फिर बुंडेसलीगा में लौट आया है.
सन 1900 में एफ़सी 1900 के नाम से इस क्लब की स्थापना की गई थी. विभिन्न क्लबों के साथ विलय और नए नामों के दौर के बाद 1932 में इसका नाम रखा गया 1. एफ़सी काइज़र्सलाउटर्न.
काइज़र्सलाउटर्न चार बार राष्ट्रीय चैंपियन बन चुका है 1963 में जब बुंडेसलीगा की स्थापना की गई, तो 1. एफ़सी काइज़र्सलाउटर्न भी उसमें शामिल था. सन 1996 तक वह लगातार बुंडेसलीगा में खेलता रहा. 1996-97 में उसे दूसरी लीग में उतरना पड़ा, लेकिन अगले ही साल वह वापस लौटा, और उसी साल बुंडेसलीगा चैंपियन भी बना. बुंडेसलीगा के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड है. इसके अलावा वह दो बार जर्मन फ़ुटबॉल संघ का डीएफ़बी कप जीत चुका है.
1. एफ़सी काइज़र्सलाउटर्न के 15 हज़ार से अधिक सदस्य हैं. फ़ुटबॉल के अलावा भी उसके बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, हैंडबॉल या हॉकी जैसे विभाग हैं.
1954 में विश्वचैंपियन बनने वाली जर्मन टीम के कप्तान फ़्रित्ज़ वाल्टर 1.एफ़सी काइज़र्सलाउटर्न के खिलाड़ी थे. उन्हीं के नाम पर क्लब का स्टेडियम बनाया गया है.
आलोफ़्स, ब्रेमे या बालाक जैसे खिलाड़ी 1.एफ़सी काइज़र्सलाउटर्न के लिए खेल चुके हैं. इस साल टटीम में काफ़ी नए खिलाड़ी लाए गए हैं. अनेक खिलाड़ी टीम छोड़ चुके हैं. लेकिन चार साल तक दूसरी लीग में रहने के कारण इस समय कोई नामी-गरामी स्टार टीम में नहीं है. आने वाले सालों में टीम फिर एकबार सबकी नज़र अपनी ओर खींच सकती है. टीम के कोच हैं मार्को कुर्त्ज़.
लेख - उज्ज्वल भट्टाचार्य