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कार्निवल के रंग में सराबोर कोलोन

७ मार्च २०११

रंग बिरंगी तितलियां, आसमान से उतरी परियां, रोमन लड़ाके, जहाज के कप्तान, फिल्मी सितारे और जोकर, बिल्ली, चूहे, हाथी, सारस ये सब आज उतरेंगे राइन के किनारों पर बसे शहरों की सड़कों पर. मार्च का पहला सोमवार कार्निवल के नाम.

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तस्वीर: dapd

सोमवार को जर्मनी की सबसे बड़ी नदी राइन के किनारे बसे शहरों की सड़कों पर यह तय करना मुश्किल हो जाएगा कि इंसान कितने रूप बदल सकता है. कोलोन, बॉन और दूसरे शहरों की सड़कों पर इतने रंग बिखरेंगे कि आसमान का इंद्रधनुष भी फीका पड़ जाएगा. कोई फूल की पंखुड़ियों जैसी ड्रेस बन कर खुद फूल बनेगा तो कोई नाजुक पंखों वाली ड्रेस में तितली, कहीं मास्क और लबादा ओढ़े ड्रैगन होगा तो कहीं लंबी सी दुधारी तलवार लिए रोमन योद्धा, कोई जापानी किमोनो में सजा होगा तो कोई चीनी छियोंगसाम में, जोकर, पुलिस वाला, डाकू, कप्तान और दूसरी वेशभूषा की तो बात ही मत पूछिए. हर कोई अलग अलग रूप में सजा होगा और सड़कों पर बिखरी कार्निवल की धूम से मस्ती की हर बूंद चुराने के लिए पूरा जोर लगा देगा.

Toilettenhäuschen Fastnacht
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सबसे ज्यादा धूम होगी कोलोन में जहां कम से कम 10 लाख लोग मस्ती के सागर में गोता लगाने सड़कों पर निकलेंगे. इन लोगों पर लुटाने के लिए 300 टन चॉकलेट शहर में पहले ही पहुंच चुकी है. सर्द मौसम में सिमटा शहर उदासी की चादर उतार फेंकेगा और इसके साथ ही फिजा में गर्माहट आ जाएगी. तीन चार दिनों से तमतमा कर चमके सूरज ने बदले तेवर से इसका आगाज पहले ही कर दिया है. पूरे दिन बड़े बडे जुलूस और झांकियां निकलती हैं और सड़क के दोनों और रंग बिरंगे लिबासों में खड़ी भीड़ उनका स्वागत करती है. जुलूस का आयोजन शहर के अलग अलग सरकारी विभागों और निजी कंपनियों के तरफ से होता है.

Deutschland Karneval in Köln Weiberfastnacht
तस्वीर: dapd

सदियों पुरानी परंपरा

इस पूरे आयोजन के पीछे कोई धार्मिक वजह तो नहीं लेकिन मनाया इसे पूरी शिद्दत से जाता है और सदियों से यह परंपरा चली आ रही है. कार्निवल का समय पूरे यूरोप में स्थानीय परंपराओं के मुताबिक अलग होता है. दो बड़े शहर डुसेलडॉर्फ और माइंत्स में गुलाबी सोमवार को परेड निकलती है. हर साल बड़े बड़े जुलूस निकलते हैं जिनमें कई तरह की झांकियां होती हैं. इन झांकियों में जर्मन राजनेताओं का भी खूब मजाक उड़ाया जाता है.

Rio de Janeiro Karneval 2011
तस्वीर: AP

वैसे राइन के किनारे वाले इलाकों को छोड़ दें तो जर्मनी के ज्यादातर इलाकों में कार्निवल की कोई खास धूम नहीं होती. लेकिन इस इलाके में तो पूरे एक सप्ताह के लिए हर तरह का कामकाज ठप्प सा हो जाता है और केवल कार्निवल की मस्ती ही नजर आती है. गुरुवार से ये सिलसिला शुरू हुआ है और हर तरफ अब बस पार्टी, रौनक और मस्ती का आलम है.

रविवार की रात ब्राजील के रियो डि जेनेरो में भी सालाना कार्निवल की मस्ती ले कर आई. 3000 ड्रम वादकों के बजाए संगीत पर सांबा की मस्ती का मजा लेने लाखों लोग कार्निवल में शामिल हुए. ब्राजील के कार्निवल को तो दुनिया में सबसे बड़ा कार्निवल माना जाता है. उधर भूकंप से तबाह हुए हैती में भी रविवार रात लोगों ने कार्निवल मनाकर उम्मीदों के दिए जलाए.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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