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कुरान पढ़े बोको हराम: मलाला

९ मई २०१४

पाकिस्तान में लड़कियों के शिक्षा के लिए अभियान चलाकर तालिबान का जानलेवा हमला झेल चुकी मलाला यूसुफजई ने चरमपंथी संगठन बोको हराम द्वारा छात्राओं के अपहरण की निंदा करते हुए कहा है कि उन्हें सबसे पहले कुरान पढ़नी चाहिए.

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तस्वीर: Reuters

मलाला ने कहा है कि बोको हराम को इस्लाम की समझ नहीं है. पिछले महीने नाइजीरिया में बोको हराम नाम के इस्लामी चरमपंथी गुट ने 200 से ज्यादा लड़कियों को अगवा कर लिया था. उसके बाद से ही पूरी दुनिया में इन लड़कियों को छुड़ाने के लिए धीरे धीरे आवाज बुलंद हो रही है.

मलाला यूसुफजई ने बीबीसी से बातचीत में इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों को नाइजीरिया में लड़कियों के अपहरण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए क्योंकि इस मुद्दे पर चुप रहने से चरमपंथी संगठनों का साहस इस तरह की और घटनाओं को अंजाम देने के लिए बढ़ेगा.

मलाला ने कहा, "हमें जरूर बोलना चाहिए नहीं तो इस तरह की और घटनाएं होती रहेंगी." मलाला ने अपह्रत लड़कियों को अपनी बहन की तरह बताया है. मलाला का कहना है कि बोको हराम को सबसे पहले कुरान पढ़नी चाहिए क्योंकि कुरान दुनिया में शांति और भाईचारे का संदेश देती है ना कि हिंसा और नफरत का.

लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और स्वात घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ लिखने के लिए साल 2012 में तालिबान ने इस बहादुर लड़की पर जानलेवा हमला किया था. मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था.

एए/एमजे (वार्ता)