कैपिटॉल पर हमले से बदल गई कांग्रेस: बाइडेन
६ जनवरी २०२२कैपिटॉल में हुए दंगे की पहली बरसी पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने देश को संबोधित किया. बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वह झूठ फैलाते रहे और अमेरिका में पहली बार हुआ जब एक राष्ट्रपति ने चुनाव के नतीजों और अमेरिका के लोगों की इच्छा को स्वीकार करने से इनकार किया. उन्होने ट्रंप पर लोगों के मतदान के अधिकार को दबाने का आरोप लगाया. बाइडेन ने कहा कि ट्रंप एक हारे हुए पूर्व राष्ट्रपति हैं. बाइडेन ने कहा, "आप सिर्फ जीतने पर ही अपने देश को प्यार नहीं करेंगे." बाइडेन ने कहा कि ट्रंप ने शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को रोकने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम हुए. आज का दिन यह याद रखने और तय करने का दिन है कि इस तरह के हमले फिर कभी ना हो.
राष्ट्रपति और कांग्रेस के डेमोक्रैट सदस्यों ने इस दिन की शुरुआत स्टैट्यूटरी हॉल से की. उन्होंने कहा, "उस दिन जो कुछ हुआ उसे आपने, मैंने और पूरी दुनिया ने अपनी आंखों से देखा." भाषण सुन रहे लोगों से उन्होने आंख बंद कर याद करने को कहा कि उस दिन क्या हुआ था. हिंसा, उपद्रव, चीख पुकार, लोगों की धमकियां बाइडेन ने लोगों को सब कुछ याद दिलाया.
कैपिटॉल के स्टैट्यूटरी हॉल से देश को संबोधित करने आए बाइडेन ने कहा कि यह वो जगह है जहां हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्य 50 सालों से मिलते आ रहे हैं. एक साल पहले इसी हॉल में उपद्रवी लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी और उन्होंने कैपिटॉल को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की थी.
बाइडेन ने कहा कि उस दिन ट्रंप समर्थकों के हमले ने कांग्रेस को बुनियादी रूप से बदल दिया और दुनिया भर में अमेरिकी लोकतंत्र के भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई. उन्होंने कहा कि उस दिन लोकतंत्र पर हमला हुआ. बाइडेन ने उस दिन की सच्चाई और फैलाए जा रहे झूठ की तुलना की और रिपब्लिकन पार्टी के हार को स्वीकार ना करने के लिए उनकी आलोचना की. उन्होंने अपने जीत की सच्चाई को "भगवान की सच्चाई" कहा. बाइडेन ने कहा कि यह रिपब्लिकन पार्टी वो नहीं है जो अब्राहम लिंकन, ड्वाइट डी आइजनहावर या बुश की थी.
बाइडेन के भाषण का ज्यादातर हिस्सा ट्रंप की आलोचना पर केंद्रित था. उन्होंने कहा कि पहले तो पूर्व राष्ट्रपति ने रैली कर लोगों को भड़काया और फिर ओवल हाउस में चुपचाप बैठ कर तमाशा देखते रहे और उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया.
इससे पहले उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी देश को संबोधित किया और 6 जनवरी की तारीख को अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब दिनों में एक बताया. हैरिस ने कहा, "मुझसे अकसर युवा पूछते हैं कि लोकतंत्र किस हाल में है, वो 6 जनवरी की घटना के बारे में पूछते हैं. मैं उनसे कहती हूं कि लोकतंत्र का स्वरुप दोहरा है. एक तरफ यह बेहद नाजुक है तो दूसरी तरफ ताकतवर."
अमेरिकी संसद भवन कैपिटॉल में हुए उपद्रव की पहली बरसी पर वाशिंगटन और दूसरे कई जगहों पर कार्यक्रम हो रहे हैं और डेमोक्रैटिक पार्टी के सदस्य इनमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि कोरोना के दौर में ज्यादातर कार्यक्रम वर्चुअल तरीके से ही होंगे. इन कार्यक्रमों में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद और नेता लगभग पूरी तरह से गायब हैं. दोनों पार्टियों के बीच बंटे अमेरिका के लिए यह बंटवारा कितना बड़ा और गहरा है यह और साफ तौर पर उभर कर सामने आया है. संसद के रिपब्लिकन सांसदों ने इस घटना की भले ही कड़े शब्दों में निंदा की है लेकिन उनमें से ज्यादातर पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रति वफादार बने रहे.
एनआर/आरपी (एपी, रॉयटर्स)