कैमरन के बयान से भड़का पाकिस्तान
२९ जुलाई २०१०पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने आतंकवाद को एक वैश्विक मुद्दा करार देते हुए कहा कि विश्व समुदाय को भारत से अपील करनी चाहिए कि वह इस मुद्दे को सही नजरिए से देखे. "आतंकवाद से लड़ाई के मामले में पाकिस्तान ने अन्य देशों की तुलना में ज्यादा प्रयास किए हैं. हमारे लोगों ने और सुरक्षा बलों ने अपना बलिदान किया है. हमें उम्मीद है कि हमारे दोस्त भारत को समझाने में कामयाब होंगे कि वह इस मुद्दे को सही नजर से देखे और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के महत्व पर ध्यान दे."
अब्दुल बासित ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक मुद्दा होने के साथ साथ क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दा भी है. बासित के मुताबिक पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच आतंकवाद से मुकाबले सहित कई अन्य मोर्चों पर व्यापक साझेदारी है.
उन्होंने कहा, "आतंकवाद का कोई धर्म, मानवता, जाति, भूगोल नहीं होता और ब्रिटेन इस बात को अच्छे से समझता है. जिस तरह से आतंकवाद दुनिया भर में फैल रहा है उसके मद्देनजर समस्या पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. भारत, अफगानिस्तान की तरह पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित है."
इससे पहले बैंगलोर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान को ऐसे गुटों से रिश्ते नहीं रखने चाहिए जिनका मकसद आतंकवाद फैलाना है. कैमरन के मुताबिक वह इस विषय को गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता के दौरान उठाएंगे.
विकीलीक्स वेबसाइट पर खुफिया अमेरिकी दस्तावेज लीक हुए हैं जिससे यह पता चलता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अफगानिस्तान में तालिबान चरमपंथियों की मदद कर रही है.
कैमरन ने कहा कि ब्रिटेन पाकिस्तान को मजबूत, स्थिर और लोकतांत्रिक देश के रूप में देखना चाहता है लेकिन वह इस बात को नहीं सहन कर सकते कि कोई देश दोहरी चाल चलते हुए आतंकवाद को दूसरे देशों में फैलाने की कोशिश करे. हालांकि कैमरन के प्रवक्ता ने स्पष्ट करने की कोशिश की है कि वह सरकार की ओर इशारा नहीं कर रहे थे बल्कि उनका मतलब पाकिस्तान से था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार