कॉमनवेल्थ मेहमानों की सेहत की फिक्र
१८ सितम्बर २०१०स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से जारी इन निर्देशों में कहा गया है कि स्वाइन फ्लू का खतरा भारत में ज्यादा नहीं है और ये लगातार घट रहा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि स्वाइन फ्लू की महामारी अब आगे बढ़ चुकी है और उस दौर में पहुंच गई है जहां स्थानीय रूप से इसके पैदा होने और बढऩे का खतरा है. ऐसे में भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खेलों के दौरान किसी भी व्यक्ति के स्वाइन फ्लू की चपेट में आने पर मुफ्त सलाह, जांच और इलाज देने की तैयारी की है.
सरकार ने कहा है कि किसी को भी अगर इस बीमारी के लक्षण खुद में या किसी और में दिखें तो वो तुरंत एयरपोर्ट या दूसरी जगहों मौजूद डॉक्टर के पास जाए. मंत्रालय ने मेहमानों से खांसने या छींकने के दौरान मुंह ढंकने और भीड़ भरी जगहों पर जाने से बचने की भी सलाह दी है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले मई से अब तक स्वाइन फ्लू की वजह से 2316 लोगों की मौत हो चुकी है. इस साल अब तक 1 लाख 72 हजार लोगों में स्वाइन फ्लू का टेस्ट किया गया जिसमें करीब 41 हजार 200 लोग इसके पीड़ित पाए गए.
इसी तरह डेंगू के बारे में कहा गया है कि दुनिया की आबादी के 40 फीसदी लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां डेंगू के पैदा होने और फैलने का खतरा है. मेहमानों को पूरी बांह के कपड़ों के अलावा मच्छर भगाने वाली क्रीम, तेल, अगरबत्तियां और टिकिया लाने की भी सलाह दी गई है. राजधानी में इस साल अब तक डेंगू के 2100 मामले सामने आ चुके हैं.
लोगों से ये भी कहा गया है कि खेलों के बाद वापस लौटने पर अगले 12 दिनों तक अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें और बीमारियों पर नजर भी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः महेश झा