कोरियाई देशों में तीन साल बाद वार्ता की संभावना
१९ नवम्बर २०१०दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्यूंग बाक ने फरवरी 2008 में सत्ता संभाली और उसके बाद यह पहली बार है जब कोरियाई देश बातचीत करेंगे. दोनों देशों के बीच रिश्ते तब खराब हो गए थे जब ली म्यूंग बाक ने उत्तर कोरिया को दी जाने वाली मदद को परमाणु निशस्त्रीकरण से जोड़ दिया था. इसके बाद दक्षिण कोरिया के युद्धपोत के मिसाइल हमले में डूब जाने के बाद तनाव और बढ़ गया. लेकिन अब तनाव में कमी आती दिख रही है.
उत्तर कोरिया सीमा पार पर्यटन प्रोजेक्ट को शुरू करने की मांग कर रहा है और इसके लिए वह रेड क्रॉस बातचीत का सहारा लेने की कोशिश कर रहा है. वहीं दक्षिण कोरिया ने पर्यटन प्रोजेक्ट पर विचार करने से इंकार किया है और उसके मुताबिक उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया की संपत्ति लौटानी होगी. दक्षिण कोरिया के मुताबिक संयुक्त रूप से संचालित होने वाले एक रिसॉर्ट को उत्तर कोरिया ने जब्त कर लिया था.
उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर स्थित माउंट कुमगांग पर पर्यटकों के जाने से एक समय उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिल रही थी लेकिन आपसी रिश्ते खराब होने के बाद उसे रोक दिया गया.
रेड क्रॉस दोनों देशों के बिछड़े परिवारों को फिर मिलाने के लिए एक मानवीय प्रोजेक्ट चलाता है और उत्तर कोरिया उसके बदले पर्यटन प्रोजेक्ट शुरू करने की कोशिश में है. हालांकि दक्षिण कोरिया इतनी जल्दी मानने के लिए तैयार नहीं दिखता.
इस बीच सैटेलाइट तस्वीरों में पता चला है कि उत्तर कोरिया तमाम दबावों को दरकिनार कर हल्के पानी का परमाणु रिएक्टर बना रहा है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री किम सुंग ह्वान ने कहा है कि ऐसा रिएक्टर बनाकर उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का उल्लंघन कर रहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस रिएक्टर के सामने आने और परमाणु परीक्षण साइट पर गतिविधियों की रिपोर्टों से तीसरे परमाणु परीक्षण के कयास तेज हो गए हैं. दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया वार्ता के दौरान अपने लिए बेहतर शर्तें चाहता हैं
उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह ठप पड़ी वार्ता में फिर हिस्सा लेने के लिए तैयाह है लेकिन सिओल और वॉशिंगटन के मुताबिक उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों के खात्मे के लिए गंभीर नहीं है. उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण कर चुका है लेकिन अभी उसने पुख्ता रूप से यह नहीं माना है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं.
दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया के उस दावे को खारिज करता रहा है जिसमें वह कहता है कि उसके पास शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम का अधिकार है. दक्षिण कोरिया का मानना है कि ऐसा सिर्फ परमाणु अप्रसार संधि के अंतर्गत ही संभव है. उत्तर कोरिया ने 2003 में इस समझौते से हाथ खींच लिए थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन