क्या लॉकडाउन में ढील देने का वक्त आ गया है?
१३ अप्रैल २०२०सोमवार 13 अप्रैल से यूरोपीय देश स्पेन में अतिआवश्यक सेवाओं के अलावा भी कई तरह के कामकाज से जुड़े लोगों को काम पर जाने की छूट मिल गई. कोरोना वायरस की महामारी से बहुत बुरी तरह प्रभावित रहे कई देशों में अब मृत्यु दर धीमी होती नजर आई है. इटली, फ्रांस और अमेरिका तीनों ही देशों में बीते 24 घंटों में मरने वालों की तादाद में कमी आई है. यूरोप में कोविड-19 के सबसे ज्यादा इंफेक्शन झेलने वाले इटली में बीते तीन हफ्तों की सबसे कम मौतें हुईं.
केवल स्पेन में कोरोना ने 17,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और ऐसा नहीं है कि अब स्पेन कोरोना संकट से बाहर निकल गया है. स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि देश अभी "जीत से बहुत दूर" है. सांचेज ने कहा, "हम सब सड़कों पर वापस निकलने के लिए बेचैन हैं.. लेकिन इस बीमारी से जंग जीतने और इसे वापस लौटने से रोकने की हमारी इच्छा इससे कहीं बड़ी है."
स्पेन में कंस्ट्रक्शन और मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र की कुछ फैक्टरियों को अपना कामकाज दोबारा शुरु करने की अनुमति मिल गई है. देश के मेट्रो और ट्रेन स्टेशनों पर पुलिस ने काम पर लौटते कर्मचारियों को फेस मास्क बांटे. लेकिन आम लोग, दुकानें और सार्वजनिक जगहों पर कम से कम 26 अप्रैल तक तो पाबंदियां जारी ही रहेंगी.
विश्व की करीब आधी आबादी इस समय घर पर ही रह रही है ताकि कोरोना माहामारी के संक्रमण को थामा जा सके. चीन से निकले इसके वायरस ने अब तक एक लाख से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली है, हेल्थकेयर सिस्टम पर अभूतपूर्व दबाव डाला है और विश्व के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पंगु बनाता नजर आ रहा है.
फिलहाल कोरोना के कारण हर पांच में से एक मौत दर्ज कर रहे अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के बारे में सरकार के टॉप एक्सपर्ट ने भी ऐसी संभावना जताई है कि महामारी शायद अपने शीर्ष पर पहुंच चुकी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंथोनी फॉकी ने उम्मीद जताई कि अमेरिका मे भी मई में पाबंदियों में ढील देने की शुरुआत की जा सकती है. उन्होंने यह साफ किया कि ऐसा नहीं होगा कि किसी "लाइट स्विच" की तरह देश एकदम से चालू हो जाएगा.
हाल ही में अस्पताल से छुट्टी पाकर निकले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उनकी "जान बचाने वाले एनएचएस" को धन्यवाद करते हुए माना कि देश की सरकारी नेशनल हेल्थ सर्विस कितने दबाव में काम कर रही है. ब्रिटेन में कोरोना ने अब तक 10,000 से ज्यादा जानें ले ली हैं. आजकल ब्रिटेन के रोजाना के आंकड़े कुछ दिनों पहले तक इटली और स्पेन से आने वाले मौत के आंकड़ों जैसे होते हैं, जिसमें रोजाना 700 से 1,000 लोगों की जान गई. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ही तरह ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने भी पहले कोरोना संकट को इतनी गंभीरता से नहीं लिया था और लॉकडाउन का कदम काफी देर से उठाया था जिसके लिए उनकी काफी आलोचना भी हुई.
आरपी/आईबी (एएफपी, एपी)
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