खिलाड़ियों के पैरों से जलेगी फ्लडलाइट
१६ सितम्बर २०१४नई तकनीक को 'पेवगेन' नाम दिया गया है क्योंकि इसमें मैदान पर पैर पड़ने पर पैदा होने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है. पैरों से जलने वाली फ्लडलाइट के उद्घाटन के मौके पर ब्राजील के पूर्व फुटबॉल स्टार पेले भी मौजूद थे. पेले ने कहा, "सारी दुनिया ब्राजील को फुटबॉल की नजर से ही देखती है. मैं उम्मीद करता हूं कि इस तरह के प्रोजेक्ट्स के जरिए दुनिया ब्राजील को विज्ञान के क्षेत्र में उसकी भागीदारी के लिए भी जानेगी."
मैदान में पिच के नीचे 200 ऐसे टाइल लगाए गए हैं जो 80 फीसदी रिसाइकिल की हुई सामग्री से बने हैं. खेल के दौरान यही टाइल खिलाड़ियों के पैरों से पैदा होने वाली गतिज ऊर्जा को लाइट जलाने में इस्तेमाल करते हैं. रात को यह ऊर्जा बिजली की 100 फीसदी जरूरत पूरी करती है, जबकि दिन में बिजली की जरूरत का 70 से 80 फीसदी हिस्सा उन सोलर पैनलों से पूरा होता है जो मैदान के बराबर में एक स्कूल की छत पर लगे हैं.
स्थानीय निवासियों की समिति के प्रमुख पेड्रो पाउलो पेवगेन के बारे में बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, "हम सरकारी मदद के बजाय निजी संस्थानों से मदद की ज्यादा उम्मीद कर रहे हैं. सरकार ने प्रस्ताव तो कई रखे लेकिन आज तक किया कुछ नहीं." हालांकि इस प्रोजेक्ट की मदद से मैदान में रोशनी मिल रही है लेकिन स्थानीय लोगों को कुछ दिक्कतें भी हैं. टीम को एक घंटा मैदान पर खेलने के लिए 20 डॉलर देने पड़ते हैं. झुग्गियों में रहने वालों के लिए यह बहुत ज्यादा है. स्थानीय निवासियों ने जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट को समर्थन दिया था लेकिन अब उन्हें अपने फैसले पर संदेह हो रहा है.
25 वर्षीय ब्रूनो ओलिवेरा कहते हैं, "सोमवार से शुक्रवार पिच खाली पड़ी रहती है. आज हमें मोहल्ले के बाहर खेलना होगा क्योंकि हम रकम नहीं चुका सकते. जो लोग यहां खेलते हैं वो दूसरी जगहों से आए हुए होते हैं." पेवगेन के संस्थापक और अध्यक्ष लॉरेंस केम्बेल कुक भी इस समस्या को मानते हैं. उन्होंने कहा, "हम इस तकनीक को आगे इस दिशा में विकसित कर रहे हैं ताकि कीमतें कम हो सकें."
एसएफ/एमजे (एएफपी)