"खुले घूम रहे हैं 26/11 के मास्टरमांड"
१५ नवम्बर २०१०अमेरिका में जारी इस रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है, "मुंबई हमलों के कम से कम आधा दर्जन संदिग्ध मास्टरमाइंड खुले आम घूम रहे हैं. इनके खिलाफ सबूतों में डेविड हेडली के बयान भी शामिल हैं जिसने लश्कर ए तैयबा के साथ साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को इन हमलों में शामिल बताया है."
वॉशिंगटन पोस्ट और प्रोपब्लिका डॉट कॉम पर प्रकाशित खोजी पत्रकार सेबेस्टियन रोटेला की रिपोर्ट के मुताबिक, "इस मामले में वास्तविक सबूत भी हैं." रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान हमलों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहा है जो अमेरिका और पाकिस्तान के बीच टकराव की वजह भी बन सकती है. इन हमलों में 166 लोग मारे गए जिनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे.
इस बीच अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक एच होल्डर ने कहा है कि छह अमेरिकियों की मौत के सिलसिले में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. शिकागो में अमेरिकी अटॉर्नी पैट्रिक जे फित्सगेराल्ड मुंबई हमलों और डेनमार्क में आंतकी साजिश से जुड़े मुकदमे में पैरवी कर रहे हैं. लेकिन अधिकारियों को इस बात की संभावना बेहद कम लगती है कि पाकिस्तान संदिग्धों को अमेरिका प्रत्यर्पित करेगा.
उधर एफबीआई ने एक फोन नंबर की पहचान की है जो मुंबई हमलों के एक मास्टरमाइंड सज्जाद, डेविड हेडली और पाकिस्तानी खुफिया आधिकारियों से जुड़ा बताया जा रहा है. लश्कर ए तैयबा के लिए काम करने के दौरान हेडली ने इसी नंबर से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को फोन किया. जांच अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि 2005 में मीर के साथ खुफिया मिशन पर भारत जाने वाले आईएसआई के एक अधिकारी से भी इसी नंबर पर बात की गई.
हालांकि रोटेला कहते हैं कि इस हमले में पाकिस्तान सरकार के शामिल होने के सवाल पर तीखी बहस छिड़ी है और इसके साथ बहुत कुछ दांव पर लगा है. आतंकवाद विरोधी मुहिम से जुड़े पश्चिमी जगत के कुछ जानकार मानते हैं कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने मुंबई के आतंकवादी हमलों में कुछ हद तक तो सरकारी मदद मुहैया कराई ही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, "एक वरिष्ठ अमेरिकी आतंकवाद निरोधी अधिकारी का मानना है कि मध्यम स्तर के कुछ पाकिस्तानी अधिकारी हमलों की साजिश से जुड़े थे."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार