खूनी खेल बंद हो: पोप
२५ दिसम्बर २०११वैटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका के झरोखे से जब पोप ने बाहर झांका तो हजारों सैलानी, श्रद्धालु और सैकड़ों रंग बिरंगे कपड़ों वाले स्विस गार्ड और इटली की सेना बैंड के जवान उनकी एक झलक पाने और उनका अभिवादन करने के लिए मौजूद थे. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर विशेष प्रार्थना के बाद 84 साल के पोप सुबह सुबह काफी ताजा दिखा रहे थे. उन्होंने कहा कि क्परिसमस के मौके पर उन्होंने प्रार्थना की है कि प्रभु ईसा मसीह के जिस जन्म के मौके को ईसाई लोग इतनी धूमधाम से मनाते हैं वह उन्हें मुश्किल हालातों से बचाए.
पोप ने अपने भाषण में अफ्रीका के शरणार्थियों और थाईलैंड के बाढ़ पीड़ितों के साथ ही म्यांमार में ज्यादा राजनीतिक संवाद और इराक, अफगानस्तान के साथ ही अफ्रीका के इलाकों में स्थिरता की ओर लोगों का ध्यान दिलाया. पोप ने कहा का उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है जो इस्राएली और फलीस्तीनियों को बातचीत की मेज पर आने में मदद करेंगे. पोप ने सीरिया के बारे में कहा, "वो सीरिया की हिंसा का खत्म करे वहां पहले ही बहुत खून बह चुका है."
पोप ने अपने भाषण में नाइजीरिया के चर्चों पर हुए हमले का जिक्र नहीं किया. हालांकि वैटिकन ने धमाकों की निंदी की और इन्हें आतंकवादी हमला कहा. रविवार तड़के सुबह क्रिसमस की प्रार्थना के दौरान नाइजीरिया की राजधानी अबूजा के पास एक कैथोलिक चर्च में बम फट पड़ा. इस हमले में कम से कम 25 लोगों की जा गई है. दूसरा बम नाइजिराया के जोस शहर के एक चर्च के पास फटा.
वैटिकन की प्रेस ऑफिस ने यह जानकारी दी है कि पोप का भाषण बहुत पहले ही तैयार कर लिया गया था. भाषण के बाद पोप ने मंगोलियाई, माओरी, अल्बानियाई, अरामाई से लेकर तमिल, थाई समेत 65 भाषाओं में क्रिसमस का बधाई संदेश दिया. 65 भाषाओं में दिया गया बधाई संदेश गौरानी और लातिन पर जा कर खत्म हुआ जिसके बाद चर्च की घंटियां बज उठीं.
रिपोर्टः एपी/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह