गिलगित चीन को नहीं सौंपा: पाकिस्तान
२ सितम्बर २०१०26 अगस्त को न्यू यॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित एक लेख में सेलिग हैरीसन ने दावा किया है कि गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के 10 हजार सैनिक मौजूद हैं जिससे इलाके में भूराजनीतिक संकट की स्थिति खड़ी हो सकती है. लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित इन दावों को पूरी तरह खारिज कर रहे हैं.
"सेलिग हैरीसन की पाकिस्तान विरोधी मानसिकता से हर कोई वाकिफ है इसलिए तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर प्रकाशित करने से शायद ही किसी को हैरानी हो. न ही हम इस बात से हैरान हैं कि हैरीसन के इस लेख पर भारत बखेड़ा खड़ा कर रहा है." अब्दुल बासित के मुताबिक पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन काराकोरम राजमार्ग की मरम्मत करने में मदद कर रहा है क्योंकि हाल के दिनों में बाढ़ की त्रासदी और भूस्खलन के चलते इसे काफी नुकसान हुआ है.
बासित ने कड़े शब्दों में कहा कि इससे ज्यादा अगर कोई सोचता है तो यह उसके दिमाग की उपज है. गिलगित बाल्टिस्तान के कुछ हिस्से अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उस क्षेत्र में मॉनसून के दौरान मूसलाधार बारिश हुई है जिससे काफी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं. कम से कम 100 लोगों की उस इलाके में मौत हो गई है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कुछ दिन पहले चीन से अपील की थी कि वह 25 हजार लोगों की मदद के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति करे क्योंकि वह इलाका बाढ़ से कट गया है.
हैरीसन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन उन क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी को मजबूत करना चाहता है और पाकिस्तान के रास्ते खाड़ी देशों तक पहुंचने की उसकी रणनीति को अमली जामा पहनाना चाहता है. उस इलाके में करीब 10 हजार चीनी सैनिकों की मौजूदगी का दावा करते हुए अखबार ने इसे अमेरिका के लिए खतरे की घंटी बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास करने की योजना भी बना रहा है लेकिन पाकिस्तान ऐसी किसी भी आशंका से इनकार कर रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा