गिलानी की हड़ताल से घाटी में जनजीवन प्रभावित
११ जून २०११अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में हड़ताल के कारण व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, बैंक और निजी स्कूल बंद रहे. सार्वजनिक परिवहन भी बाधित रहा. लेकिन घाटी के दूसरे इलाकों में हड़ताल का कम असर दिखा जिनमें गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग शामिल हैं. इन जगहों पर आजकल हजारों सैलानी आए हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि ओल्ड श्रीनगर के इलाकों में किसी तरह की पाबंदियां नहीं लगाई गईं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "लोगों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है. हमने कानून व्यवस्था से जुड़ी किसी भी आशंका से निपटने के लिए सामान्य तौर पर सुरक्षा बलों को तैनात किया है."
गिलानी ने यह हड़ताल पिछले तीन साल के दौरान गर्मियों में होने वाली अशांति में मारे गए लोगों की याद में बुलाई जिनमें 2008 का अनंतनाग आंदोलन भी शामिल है. इसके अलावा 11 जून 2010 को 17 साल का युवक तुफैल मट्टू राजौरी कादल में पुलिस की कार्रवाई में मारा गया. इसके बाद चार महीनों तक चले आंदोलन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 100 से ज्यादा लोग मारे गए.
गिलानी को गुरुवार से एहतियात के तौर पर घर में नजरबंद रखा गया है. वह शहर के बीचोंबीच ईदहाग इलाके में रैली करने की योजना बना रहे थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार