घटते बाघों को बचाएंगे बच्चन
२६ मार्च २०१०इस मुहिम की शुरुआत वर्ल्ड वाइल्डलाइफ़ फ़ंड, टेलिकॉम कंपनी एयरसैल और एनडीटीवी की ओर से की गई है. अमिताभ बच्चन भी लुप्त होते बाघ बचाने को बेहद अहम मानते हैं.
अमिताभ कहते हैं, "मुझे लगता है कि यह देश से जुड़ा मुद्दा है और यदि मेरा चेहरा, मेरी आवाज़ लोगों को इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित कर सके तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा. अगर मैं एक व्यक्ति को भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए राज़ी कर सका तो मेरे लिए बड़ी बात होगी."
67 वसंत देख चुके अमिताभ अपना ब्लॉग भी चलाते हैं और अब उन्होंने अपनी पोस्ट में बाघों को बचाने की मुहिम का मुद्दा शामिल करने का फ़ैसला किया है. अमिताभ इस मुहिम से जुड़े आयोजनों की तस्वीरें और जानकारी अपने प्रशंसकों तक पहुंचाएगे. "मैं समारोह के बारे में लिखूंगा. मैं फ़ोटो, वीडियो और अन्य संबंधित जानकारी अपने पाठकों तक पहुंचाऊंगा."
अमिताभ मानते हैं कि स्थिति ख़राब है और इसलिए मिल कर काम करने का समय आ गया है. अमिताभ के मुताबिक़ सरकार, मीडिया, वन्यजीव विशेषज्ञ और आम जनता को एक साथ आकर बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए. लोगों की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ मुहिम शुरू करने की नहीं बल्कि उसे बरक़रार रखने की भी है.
घटते वन और बढ़ते शिकार की वजह से बाघों की संख्या में तेज़ गिरावट आई है और अब उनकी संख्या महज़ 1,411 ही रह गई है. लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए क्रिकेटर एमएस धोनी, फ़ुटबॉलर बाइचुंग भूटिया, अभिनेता कबीर बेदी समेत कई जाने पहचाने चेहरों का सहारा लिया गया है.
अमिताभ इस कड़ी में नया नाम हैं. वैसे अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन दुर्लभ वन्यजीवों की रक्षा की मुहिम में पहले ही हाथ बंटा रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार