चीनी राजनेता की बीवी को मौत की सजा
२० अगस्त २०१२गू काईलाई को मिली इस सजा का मतलब है कि उसे बाकी की जिंदगी जेल में बितानी होगी. हालांकि इसके लिए गू को अगले दो सालों में अपना रिकॉर्ड बेहतर रखना होगा और किसी दूसरे अपराध से बचना होगा. अदालत के प्रवक्ता तांग यिगान ने कहा, "अदालत के फैसले में कानून, सच्चाई और जीवन के प्रति सम्मान झलक रहा है और यही न्याय है." पूर्वी शहर हेफेइ में सुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत में तांग ने कहा, "अदालत ने माना है कि बोगू काईलाई हत्या की दोषी हैं उन्हें मौत की सजा मिली है, लेकिन उसे दो साल के लिए निलंबित रखा गया है. उनके राजनीतिक अधिकार पूरे जीवन के लिए छीन लिए गए हैं."
सरकारी मीडिया के मुताबिक अदालत में 9 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान गू काईलाई ने ब्रिटिश कारोबारी नील हेवुड को जहर देने की बात मान ली थी. गू ने आरोप लगाया कि दोनों के बीच कारोबारी विवाद में हेवुड ने उसके बेटे बो गुआगुआ को धमकी दी थी. प्रवक्ता तांग ने बताया कि अदालत ने यह तो माना है कि हेवुड ने धमकी दी लेकिन उसने इस पर कभी अमल नहीं किया. कोर्ट ने बो शिलाई के सहयोगी जांग जियाओजुन को इस मामले में मदद करने का दोषी करार दिया और 9 साल के कैद की सदा सुनाई. जांग के वकील ली रेंटिंग ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "दोनों प्रतिवादियों ने आगे अपील करने से इनकार किया है इसलिए यह मामला यहीं खत्म हो गया." गू और जांग को फैसले के बाद उनके परिवारों से मिलने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है लेकिन यह तभी मिलेगा अगर कोई कोर्ट में अपील न करे.
चीन में ब्रिटेन के दूतावास ने ईमेल से जारी बयान में इस फैसले का स्वागत किया है और साथ ही कहा है, "हमने चीनी अधिकारियों को यह साफ कर दिया था कि हम मुकदमे की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से चाहते हैं और इसमें मौत की सजा नहीं होनी चाहिए."
एक अलग सुनवाई में चीन के चार पुलिसकर्मियों को भी दोषी करार दिया गया है. इन लोगों पर गू काईलाई को पुलिस जांच से बचाने का दोषी करार दिया गया है. इन पुलिसकर्मियों को पांच से 11 साल तक की सजा मिली है. कोर्ट का यह कदम बो शिलाई के राजनीतिक भविष्य के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. गू को मिली सजा बो शिलाई को मिलने वाली सजा की शुरुआत भी हो सकती है. चीन की राजनीति का यह महत्वाकांक्षी नेता पार्टी का अनुशासन तोड़ने के आरोप में फिलहाल जांच का सामना कर रहा है. बो शिलाई पर भ्रष्टाचार से लेकर, ताकत का दुरुपयोग और दूसरे कई आरोप हैं. एक बार पार्टी का नेतृत्व इन आरोपों पर फैसला कर ले तो फिर बो शिलाई के खिलाफ हत्या से जुड़े मामले में आपराधिक मुकदमा भी शुरु हो सकता है. चीन के शीर्ष नेतृत्व में जगह बनाने की बो शिलाई की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया जब फरवरी में पूर्व पुलिस प्रमुख वांग लिजुन भाग कर अमेरिकी दूतावास में जा छिपे और 24 घंटे वहां रहने के दौरान हत्या के आरोपों को सार्वजनिक कर दिया.
एक क्रांतिकारी के बेटे बो शिलाई दक्षिण पूर्वी शहर चोंगिंग के मेयर थे और अब पोलितब्यूरो की स्थाई समिति में पहुंचने की ताक में थे. चीन का शासन इसी स्थाई समिति के हाथ में है. 10 साल में एक बार इसमें बड़ा फेरबदल होता है और इस साल के अंत में यह होना है. बो के पतन ने पिछले दो दशकों में पहली बार देश के नेताओं को बांट दिया है. वामपंथी समर्थकों के लिए बो एक करिश्माई नेता हैं जिन्होंने बाजार आधारित विकास के दौर में पार्टी के नियंत्रण को कायम किया है. हालांकि उनके विरोधी उन्हें ऐसे अवसरवादी के रूप में देखते हैं जो अपने फायदे के लिए देश की नीतियां तय करता है.
बो को चोंगिंग के मेयर के पद से मार्च में हटा दिया गया और सार्वजनिक रूप से हत्याकांड के लिए उन्हें आरोपी बनाया गया. इसके बाद बो को पोलितब्यूरो से निलंबित किया गया. 25 सदस्यों वाला पोलितब्यूरो एक प्रमुख परिषद है जो स्थायी समिति के नीचे रह कर काम करता है. अभी तक उन्हें इस परिषद से बर्खास्त नहीं किया गया है.
एनआर/एमजी (रॉयटर्स, एएफपी)