जंगली जीवों की साल की बेहतरीन तस्वीरें
हिमखंडों से लेकर रेगिस्तानों तक, कीट पतंगे, गुनगुनाती चिड़िया, उड़ती मछली और ना जाने क्या क्या, वन्यजीवों की तस्वीरें लेने वाले फोटोग्राफर नदी, जंगल, पर्वत छान मारते हैं. देखिए इस साल जंगल से निकली बेहतरीन तस्वीरों को.
सुनहरा जोड़ा
चपटी नाक वाले सुनहरे बंदर और बंदरिया के रूमानी पलों की इस तस्वीर ने 2018 में वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के लिए शीर्ष पुरस्कार जीता है. यह चीन के क्विनलिंग माउंटेन की तस्वीर है. ये बंदर सिर्फ यहीं मिलते हैं.
स्वप्निल द्वंद्व
बेल्जियम के एरडेनेस जंगल पर घिरती घटाओं के साथ ही मादा के लिए आपस में मुकाबला करते दो लाल बारासिंगों की गुर्राहट पेड़ों से छन कर गूंजने लगती है. मुकाबला बराबरी का है और कोई पीछे हटने को तैयार नहीं, जोर बढ़ता है और सींगों की टकराहट गूंजने लगती है. एक वक्त आता है जब उनके सींग आपस में गुत्थमगुत्था हो छाया चित्र में फिट हो जाते हैं.
आराम करता तेंदुआ
स्क्ये मीकर ने माथोजा नाम के इस तेंदुए को नायला पेड़ के नीचे सुस्ताते हुए कैमरे में कैद किया. माथोजा का घर बोत्स्वाना के माशातु गेम रिजर्व में है. बांतु भाषा में माथोजा का मतलब है "लंगड़ा कर चलने वाला." इस मादा तेंदुए को यह नाम इसलिए मिला क्योंकि बचपन में लगी चोट से उसकी चाल हमेशा के लिए बदल गई. वैसे आठ साल की माथोजा पूरी तरह सेहतमंद है.
सपनों का बत्तख
नॉर्वे में बैरेंट्स सागर के उत्तरी तट पर वारेंगर प्रायद्वीप में एक युवा फोटोग्राफर ने लंबी दुम वाले बत्तख को कैमरे में कैद किया. बत्तखों के इतने पास जा कर तस्वीर लेने का मतलब है सुबह सुबह नाव की सवारी. मार्च के महीने में भी यह जगह बेहद ठंडी रहती है, जैसे ही सुबह की रोशनी आती है, ये बत्तख उड़ कर अपने ठिकानों पर पहुंच जाते हैं.
पाइप में उल्लू
पुरानी बेकार पाइप में दुबक कर बैठे ये धब्बे वाले दो उल्लू सीधे कैमरामैन की लेंस में देख रहे हैं. भारत में पंजाब के कपूरथला में ड्राइविंग के दौरान एक बाप बेटे को ये नजर आए. एक उल्लू का बच्चा और उसके पीछे एक वयस्क मादा उल्लू पाइप से सिर निकाल कर झांक रहे हैं. यह तस्वीर दिखा रही है कि कैसे इन जीवों ने शहरी जीवन में खुद को ढाला है.
सीलों का बिस्तर
अंटार्कटिका के एरेरा चैनल में बर्फ की तैरती चादर पर सीलें आराम फरमा रही हैं. सीलों की यह प्रजाति काफी बड़ी संख्या में पाई जाती है और इनके कम होने के भी कोई संकेत नहीं मिले हैं. हालांकि फिर भी ये आराम, प्रजनन और शिकारियों से बचने के लिए बर्फीले समंदर पर आश्रित हैं. आर्कटिक की गर्मियों में अब यहां ऐसी बर्फीले चादर कम होने लगी है.
मेहनतकश ततैया
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के वाल्योरमोरिंग नेचर रिजर्व में गर्मी की तपती दुपहरी में पानी का एक स्रोत. ये उद्यमी मादा ततैये अपनी बांबी के पास अंडों के लिए घर बनाने में जुटे हैं. इनमें से हर ततैया दर्जन भर से ज्यादा कोकून जैसे बांबी के चेंबरों में अपने लार्वा को परजीवी मकड़ी का शव भोजन के रूप में मुहैया कराती हैं.
खून के प्यासे
गालापागोस के वुल्फ आइलैंड पर जब बीज और कीट पतंगे खत्म हो जाते हैं तो नुकीले चोंच वाली फिंच यानी गाना गाने वाली चिड़िया खून की प्यासी बन जाती है. वे यहां आने वाले नाज्का बूबी का खून पीती हैं. छोटी चिड़ियों के लिए यह मुश्किल वक्त होता है. बूबी के पंखों के बीच से चोंच मार कर खून पीना और उसके दम पर जिंदा रहना. अपने अंडों और बच्चों को इन चिड़ियों से बचाने के लिए बूबी इसे सहन करती है.
बच्चे के लिए गमगीन
उगांडा के बविंडी जंगल में यह मादा गुरिल्ला अपने मरे बच्चे को नहीं छोड़ेगी. कई हफ्तों बाद भी वह शव के बचे हिस्सों को खाती रही. दुख की घड़ी में उसके जैसा बर्ताव दूसरे जीव भी करते हैं. हाथी परिवार के मृत सदस्यों की हड्डियां तोड़ देते हैं, तो डॉल्फिन मृत साथियों को बहाती रहती हैं. ऐसे कई सबूत हैं कि जीव दुख जताने के लिए ऐसा करते हैं.
मौत की पकड़
पनियाले सांप को इस भूखे सालामेंडर (उत्तरी अमेरिका में पाया जाने वाला उभचयर) ने अपने जबड़े में मजबूती से दबोच रखा है. टेनेसे की तेलिको नदी में मिलने वाले उत्तरी अमेरिका के इन विशाल सालामेंडरों की तादाद तेजी से घट रही है क्योंकि इनके आवास सिमट रहे हैं. सांप आखिरकार उसकी पकड़ से छूटने में कामयाब हो गया.
उदास लंगूर
लंबी पूंछ वाला तिंबुल अपने चेहरे पर हाथ रख कर अपने मुखौटे से राहत पाने की कोशिश में है. उसका मालिक उसे गली मोहल्ले में तमाशा दिखाने के लिए तैयार करना चाहता है. तिंबुल इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर सुराबाया में रेलवे ट्रैक के पास एक चेन से बंधा रहता है.
रेगिस्तान की याद
नामिब के रेगिस्तान में वेलविशिया आकाश तक पहुंच सकते हैं. धीमे वृद्धि दर और 8 मीटर से ज्यादा बड़े आकार के कारण रेगिस्तान में ये 1000 से ज्यादा साल जिंदा रह सकते हैं. नामीबिया और अंगोला में यह कठिन परिस्थितियों में समुद्र तट से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर बचे हुए हैं. यह समुद्र से उठती जलवाष्प और कोहरे से नमी सोख लेते हैं.
रात की उड़ान
फ्लोरिडा के पाम बीच पर इस फोटोग्राफर ने रात में उड़ती मछली को देखा. दिन में इन मछलियों तक पहुंचना नामुमकिन है. ये खतरा महसूस होते ही अपनी कांटेदार पूंछ से बड़ी तेजी से पानी में वेग बनाती हैं. इस दौरान इनकी गति इतनी तेज हो जाती है कि यह पानी से निकल कर हवा में उड़ने लगती है. छाती पर मौजूद नुकीले पंखों के सहारे ये कई सौ मीटर तक उड़ान भर सकती हैं.
रक्षक मां
इक्वाडोर के एल जार्दिन दे लोस सुएनोस रिजर्व में एक धतूरे के पेड़ पर एक बड़ी टिड्डी भोजन करते अपने लार्वा की रक्षा कर रही है. यह टिड्डी धतूरे की पत्तियों पर अंडे देती है और कवच बन कर उनकी रक्षा करती है. अंडो से बाहर निकलने के बाद पांच चरणों में टिड्डी का विकास होता है और इस दौरान यह उनकी पूरी निगरानी करती है और उन्हें हमलों से बचाती है.