जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री नहीं बदला जाएगा
१८ जून २०११श्रीनगर में एक समारोह में उमर अब्दुल्लाह ने बताया, "जहां तक मेरी समझ है, गठबंधन के दो सहयोगियों में समझौता बिलकुल स्पष्ट है. जिस तरह से मंत्रालयों का बंटवारा किया गया उसका आधार यही था कि आधा कार्यकाल पूरा होने पर कैबिनेट में कोई फेरबदल नहीं होगा." नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस नेताओं में हाल के दिनों में बारी बारी से मुख्यमंत्री बदले जाने के मुद्दे पर तीखी बयानबाजी पर शुरू हुई. इन्हीं अटकलों को उन्होंने शांत करने की कोशिश की है.
उमर अब्दुल्लाह के मुताबिक जो भी बयानबाजी हुई है वह उन नेताओं की निजी राय है और पार्टियों में कोई मतभेद नहीं है. "बयानों की लड़ाई नहीं हो रही है. मुझे नहीं पता कि अगर किसी ने निजी रूप से इस मुद्दे पर बात की है और अगर की भी है तो उन्हें प्रवक्ता की तरह आधिकारिक रूप से अनुमति नहीं है. यह उनकी निजी राय हो सकती है."
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इन अटकलों को हवा देने की कोशिश की है कि जम्मू कश्मीर में सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री को बदला जा सकता है. राज्य सरकार को अगले साल जनवरी में तीन साल पूरे हो रहे हैं. जम्मू कश्मीर में दूसरी पांत के नेताओं का मानना है कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन सरकार को वही फॉर्मूला अमल में लाना चाहिए जो मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीडीपी सरकार के साथ इस्तेमाल हुआ.
2002 से 2008 तक जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और पीडीपी की गठबंधन सरकार रही. पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाली और फिर तीन साल बाद यह जिम्मेदारी कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद के कंधों पर आई. 2008 में चुनाव जीतने के बाद जब कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने सरकार का गठन किया, उस समय सहमति बनी थी कि उमर अब्दुल्लाह छह साल तक जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार