जर्मनी को मनाने पहुंचेंगे ओबामा
१७ जून २०१३2008 जुलाई में ओबामा पहली बार जर्मनी आए. उस वक्त वह राष्ट्रपति नहीं थे लेकिन चांसलर अंगेला मैर्केल ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें बर्लिन में दो लाख लोगों के सामने भाषण देने का मौका भी मिला. लेकिन ओबामा अपने पहले कार्यकाल में जर्मनी नहीं आ सके. ऐसा पहले किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ नहीं हुआ है. जर्मनी में माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच कुछ अनबन हो गई है.
क्या होंगे मुद्दे
हाल ही में इंटरनेट पर अमेरिका की जासूसी ने भी जर्मन सरकार को काफी गुस्सा दिलाया है. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ओबामा चांसलर मैर्केल के साथ प्रिज्म जासूसी कार्यक्रम पर बात करेंगे और इस सिलसिले में जर्मनों के डर को कुछ कम करने की कोशिश करेंगे. अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा कि अमेरिका निजी जानकारी की सुरक्षा को लेकर जर्मनी की चिंता समझता है. ओबामा इस सिलसिले में कार्यक्रम के कानूनी ढांचे पर बात करेंगे. लेकिन रोड्स ने यह भी साफ किया है कि 2001 सिंतबर के हमलों में आतंकवादी जर्मनी में पढ़ चुके थे. इस वजह से जर्मनी पर निगरानी रखना भी अहम हो जाता है. (कैसे होती है आपकी जासूसी)
रोड्स का कहना है कि जर्मनी खुद आतंकवादी हमलों से बच नहीं सकता और प्रिज्म इन्हें रोकने पर ध्यान देता है. अपनी तरफ से जर्मनी ने कहा है कि वह ओबामा सरकार को सवालों की एक सूची देगा. प्रिज्म स्कीम के मुताबिक अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एनएसए गूगल, फेसबुक जैसी कंपनियों से कह सकता है कि वे विदेशी उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए इमेल और चैट अमेरिकी सरकार को मुहैया कराएं. जर्मनी ने कहा है कि इससे यूरोपीय नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है.
जर्मनी में कार्यक्रम
सोमवार और मंगलवार को बेल्फास्ट में जी8 देशों की बैठक के बाद ओबामा बर्लिन पहुंचेंगे. उनके साथ उनकी पत्नी मिशेल और बेटियां मालिया और साशा होंगीं. बुधवार को जर्मन राष्ट्रपति योआखिम गाउक राष्ट्रपति महल बेलव्यू में ओबामा का स्वागत करेंगे. जर्मन नेताओं से बातचीत के बाद ओबामा एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से मिलेंगे. ओबामा ब्रांडनबुर्ग गेट पर 4,000 लोगों को संबोधित भी करेंगे. इसके बाद वह विपक्ष के नेता पेअर श्टाइनब्रुक से भी मुलाकात करेंगे और मंगलवार को वापस अमेरिका के लिए रवाना हो जाएंगे.
जर्मनी में इस बात को लेकर काफी हैरानी है कि दो बार राष्ट्रपति पद पर आने के बाद ओबामा अब जर्मनी आ रहे हैं. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा में ठोस फैसले लिए जाएंगे. ब्रांडनबुर्ग गेट पर ओबामा तुर्की में हालात के बारे में चर्चा कर सकते हैं. साथ ही अफगानिस्तान, सीरिया और ईरान में उथल पुथल ओबामा के भाषण का हिस्सा हो सकती है.
जर्मनी में इस साल आम चुनाव भी होने जा रहे हैं और विश्लेषकों का मानना है कि सारी पार्टियां ओबामा के दौरे से फायदा लेने की कोशिश करेंगी.
चांसलर मैर्केल के पास यह फायदा है कि देश की प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें ओबामा के साथ लोगों के सामने आने का और अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. लेकिन ओबामा की डेमोक्रैट पार्टी जर्मनी में विपक्षी पार्टी सोशल डेमोक्रैट्स से सैद्धांतिक तौर पर करीब है. लेकिन क्या ओबामा की यात्रा का असर मतदाताओं पर पड़ेगा, विश्लेषक इस मामले में अटकल लगाने से कतरा रहे हैं.
रिपोर्टः एमजी/एएम (रॉयटर्स, डीपीए)