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जर्मनी में प्रेस फ्रीडम को लेकर बहस छिड़ी

२३ अगस्त २०१८

जर्मनी में अति दक्षिणपंथी पेगीडा प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने सरकारी टीवी चैनल की टीम को रोक दिया. बाद में पता चला कि रोकने वाला शख्स पुलिस अधिकारी है. टीवी चैनल ने इसे प्रेस की आजादी का उल्लंघन बताया है.

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Deutschland Symbolbild Lügenpresse
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Seidel

जर्मन प्रांत सेक्सनी के प्रशासन ने यह बात स्वीकार की है कि ड्रेसडेन शहर में जेडीएफ टीवी चैनल की टीम को रोकने वाला प्रदर्शनकारी राज्य पुलिस का कर्मचारी है. पिछले हफ्ते पेगीडा के प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने जर्मनी के सरकारी प्रसारक जेडीएफ की टीम को कवरेज करने से रोका. इस दौरान टीवी टीम को पुलिस ने 45 मिनट तक रोके रखा. एक प्रदर्शनकारी ने पुलिस से कहा था कि टीवी चैनल के एक क्रू मेम्बर ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया.

जर्मनी की न्याय मंत्री काटारीना बारले ने इस घटना को चिंताजनक बताया है. बारले के मुताबिक इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए. जेडीएफ के पत्रकार आर्न्ट गिंसेल ने घटना का वीडियो शेयर किया है. वीडियो में प्रदर्शनकारी "ल्यूगेनप्रेसे" यानी झूठी प्रेस का नारा लगाता दिख रहा है. टीवी क्रू ने गैरकानूनी ढंग से नारा लगाते उस आदमी की वीडियो बना ली. प्रदर्शनकारी ने इसकी शिकायत पुलिस से की और पुलिस ने पूछताछ के लिए टीवी क्रू को रोक लिया.

सेक्सनी प्रांत के गृह मंत्री के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान सवालों में घिरा प्रदर्शनकारी एक पुलिसकर्मी है जो निजी तौर पर अति दक्षिणपंथी प्रदर्शन में शामिल हुआ. जेडीएफ ने मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा है कि फिलहाल वह पुलिसकर्मी छुट्टी पर है. सेक्सनी के गृह मंत्री रोलांड वोएलर कहते हैं, "इस घटना में मामले में शामिल शख्स की सफाई और फिर मामला साफ होने के बाद प्रांतीय अपराध पुलिस कार्यालय तय करेगा कि इसके क्या नतीजे होंगे. हमारे देश में हर किसी के पास अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. हालांकि मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे विभाग के सभी कर्मचारी हर वक्त सही व्यवहार करेंगे, भले ही वह सार्वजनिक तौर पर या फिर निजी रूप से खुद को व्यक्त करें."

जेडीएफ के मुख्य संपादक पेटर फ्राय ने पुलिस के कैमरा क्रू को रोकने के फैसले को "रिपोर्टिंग की आजादी का स्पष्ट उल्लंघन" बताया है. पत्रकार आर्न्ट गिजेल ने पुलिस पर जर्मनी की दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी और विदेशियों से घृणा करने वाले पेगीडा मूवमेंट की "एक्जीक्यूटिव ब्रांच" के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है.

ड्रेसडन शहर के पुलिस प्रमुख हॉर्स्ट क्रेचमर आरोपों को खारिज कर रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने मार्च के दौरान पत्रकारों को रोकने में पेगीडा समर्थकों का सहयोग बिल्कुल नहीं किया. पिछले हफ्ते घटना का वीडियो जारी होने के बाद सेक्सनी के मुख्यमंत्री मिषाएल क्रेचमर ने ट्वीट करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि पुलिस ने सही कदम उठाया. ड्रेसडेन में हुए हुए प्रदर्शन में एएफडी और पेगीडा के 800 समर्थक शामिल हुए. उस वक्त जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ड्रेसडेन के दौरे पर थीं, प्रदर्शनकारी उन्हीं के दौरे का विरोध कर रहे थे.

(इसलिए एएफडी पार्टी से डर रहे हैं जर्मन)

ओएसजे/एमजे (डीपीए, एएफपी)