जर्मनी से जोड़ता बॉलीवुड
२ अक्टूबर २०११शाहरुख खान जर्मनी में भारत का पर्याय हैं. बॉलीवुड के किंग खान जब जर्मनी आते हैं तो कड़कड़ाती ठंड में भी प्रशंसकों और खासतौर से लड़कियों का हुजूम लग जाता है. उनकी एक झलक पाने के लिए देर रात तक बर्फ से ढकी सड़क पर इंतजार होता है.
शाहरुख खान की फिल्में जर्मनी के सिनेमाघरों में भी लगती है. 'दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे' देखकर दर्शक अंत में ताली बजाने लगते हैं तो 'कल हो न हो' उन्हें भावनाओं में डुबोकर रुला देती है. यह अनुभव हॉलीवुड की फिल्मों से काफी अलग है. फिल्म के गाने और डांस भी युवा जर्मनों को नए स्टेप्स सिखाते है. भारतीय फिल्मों में अक्सर तलाक नहीं होते, अच्छाई की जीत होती है और हीरो और हिरोइन एक दूसरे के लिए बने रहते हैं, यह बात जर्मनों को लुभाती है.
बॉलीवुड के शौकीन नाच गाने को सोने पर सुहागा मानते हैं. वैसे अंतरराष्ट्रीय सिनेमा पर बारीक नजर रखने वाले जर्मन पहले से मानते रहे हैं कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री हर साल कुछ बेहतरीन फिल्में बनाती है. दिग्गज पत्रिका 'डेयर स्पीगल' की एक रिपोर्ट कहती हैं, "भारतीय सिनेमा हमेशा से अच्छी फिल्में बनाता रहा है. लेकिन हैरानी की बात है कि दुनिया को अब जाकर धीरे धीरे बॉलीवुड के बारे में पता चल रहा है. अगर आप प्यासा, आवारा और मदर इंडिया देखें तो आपको पता चलेगा कि कई भारतीय फिल्में वाकई शानदार होती हैं.
बीते कुछ सालों में भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता बढ़ी है. शाहरुख खान जैसे सितारों मशहूर हुए हैं और उनके माध्यम से जर्मनी के लोग बॉलीवुड से मुखातिब हो रहे हैं. इस साल बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में ज्यूरी के तौर पर आमिर खान को बुलाया गया. बॉलीवुड के लिए यह सम्मान की बात थी.
बर्लिनाले के आयोजकों ने आमिर खान का परिचय कुछ इस अंदाज में दिया, बर्लिनाले के मुताबिक, ''आमिर खान बॉलीवुड के सुपर स्टार है. 1988 में उन्होंने फिल्म कयामत से कयामत तक की और तहलका मचा दिया. वह रातों रात स्टार बन गए. उनकी फिल्म लगान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी बटोरी. यह फिल्म ऑस्कर पुरस्कारों के लिए भेजी गई. 2007 में उन्होंने तारे जमीं पर जैसी शानदार फिल्म से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा. उनकी फिल्म 3 इडियट्स ने भारत में बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड तोड़ दिए. आमिर के बैनर तले बनी फिल्म पीपली लाइव को भी खूब सराहा गया. इसे ऑस्कर पुरस्कार के लिए भेजा गया. आमिर की पिछली 10 में से चार फिल्में भारत की तरफ से ऑस्कर पुरस्कारों के लिए भेजी गई हैं." अब जर्मनी के फिल्म वितरक आमिर खान के बारे में भी काफी कुछ जान रहे हैं.
खुद आमिर खान मानते हैं कि भारतीय सिनेमा का स्वाद अलग हैं. वह कहते हैं, "हमारा मुख्यधारा का सिनेमा जिंदगी से बड़ा है. वह आपको बड़ी कहानियां बताता है, भावनाएं दिखाता है और उसमें बड़ी संजीदगी से कहानी बताने का एक तरीका है. हमारी ज्यादातर फिल्में संगीतमयी होती हैं, उनमें गानों का बड़ा इस्तेमाल होता है. एक खास फर्क जो मुझे नजर आता है वह यह है कि भारतीय सिनेमा में एक उम्मीद है, एक सकारात्मकता है, जिंदगी को देखने का एक अलग नजरिया है.''
बॉलीवुड फिल्मों के साथ भारतीय संस्कृति भी ला रहा है. जर्मनी के कई शहरों में भारत के पारंपरिक नृत्यों के साथ बॉलीवुड डांस भी सिखाया जा रहा है. बॉलीवुड जैसा डांस करने की ख्वाहिश बहुतों में हैं. बर्लिन, हैम्बर्ग और कोलोन जैसे शहरों में भारतीय डांस सिखाने वाली केंद्र चल रहे हैं. भारतीय फिल्मों के शौकीन हिंदी की एक दो पक्तियां भी बोल लेते हैं. अक्सर ऐसे लोगों के मुंह से मेरी जान जैसे शब्द सुनाई देते हैं और उसके पीछे की मासूमियत भी.
रिपोर्टः ओ सिंह
संपादनः एन रंजन