जर्मन राज्य में बुर्के पर बैन
३ फ़रवरी २०११हैसे में चांसलर अंगेला मैर्केल की क्रिश्चिन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) पार्टी की सरकार है. वहां एक मुस्लिम महिला टीचर ने स्कूल में बुर्का पहनने की अनुमति मांगी जिस पर राज्य सरकार ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. राज्य के गृह मंत्री बोरिस राइनर ने कहा कि इस टीचर के बुर्का पहनने को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक सरकारी कर्मचारी है जिसकी धार्मिक और राजनीतिक मामलों में तटस्थ राय होनी चाहिए और बुर्का एक खास विश्वास का प्रतीक है. राइनर ने राज्य विधानसभा में कहा कि अगर आमने सामने बैठे लोग एक दूसरे का चेहरा ही न देख पाएं तो इससे नागरिकों और राष्ट्र के संबंध प्रभावित होते हैं.
फ्रैंकफर्ट के एक स्कूल में पढ़ाने वाली यह टीचर मातृत्व अवकाश के बाद स्कूल में वापसी पर बुर्का पहनना चाहती थी. वैसे फ्रांस में हिजाब पर लगी पाबंदी के बाद बुर्के पर पूरे यूरोप में बहस छिड़ी है. यूरोप में रहने वाली बहुत कम महिलाएं ही अपना चेहरा ढकती हैं, लेकिन उनका हिजाब यूरोपीय लोगों के लिए परेशानी का सबब है जो पहले ही आर्थिक संकट, इमिग्रेशन और समाज में मुसलमानों के घुलने मिलने की समस्याओं से जूझ रहे हैं.
पिछले साल जर्मनी में हुए एक जनमत संग्रह के मुताबिक 61 प्रतिशत लोग बुर्के पर बैन चाहते हैं. इस प्रतिबंध का समर्थन करने वालों में बवेरिया राज्य के कैथोलिक बिशप और देश की मशहूर नारीवादी एलिस श्वार्जर भी शामिल हैं. लेकिन जर्मनी के गृह और न्याय मंत्रियों ने इस प्रतिबंध का विरोध किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार