"जाति और धर्म से हट कर राजनीति करेंगे"
१ जनवरी २०१८तमिल फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता रजनीकांत के राजनीतिक प्रवेश को लेकर तमाम अटकलें लगती रहीं हैं. लेकिन सभी कयासों पर विराम लगाते हुए रजनीकांत ने एक नया राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की है. रजनीकांत ने कहा, "मैं जाति या धर्म से अलग हट कर आध्यात्मिक ज्ञान को प्रोत्साहन दूंगा." उन्होंने कहा कि अगर मैं सत्ता में आता हूं और तीन सालों में कुछ नहीं कर पाता तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. रजनीकांत का मानना है कि तमिलनाडु में लोकतंत्र संकट से गुजर रहा है.
सुपरस्टार के नाम से लोकप्रिय रजनीकांत ने उस वक्त राजनीति में आने की घोषणा की है जब भाजपा तमिलनाडु में अपने लिए जमीन तैयार करने की कोशिशों में जुटी है. साल 2016 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी. अगला विधानसभा चुनाव साल 2021 में होना है. पिछले पांच दशकों से तमिलनाडु में द्रविड़ राजनीति करने वाले स्थानीय दलों का ही प्रभाव रहा है. ये दल सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को अपनी मुख्य विचारधारा मानते हैं.
तमिल सिनेमा में रजनीकांत ने पर्दे पर एक से बढ़कर एक किरदार निभाएं हैं और अपनी कई फिल्मों में स्वयं को जनता के हीरो के रूप में पेश किया है. विरोधियों को रजनीकांत की लोकप्रियता का अंदाजा तो है लेकिन वे राजनीति को फिल्मों से अलग मानते हैं. भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी रजनीकांत के राजनीति में आने के प्रचार को मीडिया हाइप कह कर खारिज कर देते हैं.
तमिलनाडु, भारत की ऑटो इंडस्ट्री का अहम केंद्र माना जाता है. राज्य में बीएमडब्ल्यू, फोर्ड, निसान, रेनो जैसी कई कंपनियों की उत्पादन इकाइयां हैं. लेकिन साल 2016 में मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है.
एए/आईबी (रॉयटर्स)