तेजपाल पर यौन शोषण के आरोप
२१ नवम्बर २०१३तहलका के संस्थापक और मुख्य संपादक तरुण तेजपाल ने आरोप स्वीकार करते हुए अपने साथियों को ईमेल भेजा. ईमेल में कहा गया है, "मेरी मति मारी गई थी, मैंने स्थिति का गलत मूल्यांकन किया जिसकी वजह से एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जो हमारे आदर्शों और हमारी लड़ाई के खिलाफ है."
एक जूनियर महिला सहकर्मचारी के मुताबिक इसी महीने गोवा में 'थिंक फेस्ट' के दौरान तेजपाल ने उनका यौन शोषण किया. फेस्ट तहलका पत्रिका ने ही आयोजित कराया था.
इन आरोपों के बाद तेजपाल ने माफी मांगी और छह महीने तक पद से दूर रहने का फैसला किया. लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं को तेजपाल की सफाई और मांगों पर कड़ी आपत्ति है. ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेंस एसोसिएशन की सचिव कविता कृष्णा कहती हैं, "यौन शोषण एक अपराध है. तरुण तेजपाल और तहलका को कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए, नतीजे भुगतने चाहिए."
तहलका का कहना है कि उनकी अंदरूनी समिति आरोपों की जांच कर रही है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि जब अपराध हुआ है, तो किस अधिकार से अंदरूनी समिति को जांच करने का अधिकार है. जांच पुलिस को करनी चाहिए. मीडिया अक्सर ऐसे मामलों को प्रमुखता से उछालता है. लेकिन इस बार खुद उसके दामन में दाग लग रहे हैं. स्टिंग ऑपरेशन के जरिए बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को रिश्वत लेते हुए दिखाने वाले तरुण तेजपाल खुद कटघरे में हैं.
नई दिल्ली में पिछले साल 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की बर्बर घटना के बाद भारत में महिलाओं के साथ होने वाले बर्ताव को लेकर काफी बहस हुई. सरकार ने कड़ा कानून भी बना दिया. लेकिन इसके बावजूद आए दिन समाज के हर तबके में हो रहे ऐसे अपराध सामने आ रहे हैं.
दिल्ली में कुछ ही दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ जज पर भी अपनी जूनियर सहकर्मी के यौन शोषण का आरोप लगा है. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है.
ओएसजे/एएम (एएफपी)