त्रिपोली में गद्दाफी के परिसर पर हमला
१६ जून २०११बाब अल अजीजिया सैनिक अड्डे में स्थित मकान पर पिछले सप्ताहों में नाटो के नियमित हमले होते रहे हैं. गद्दाफी सत्ता छोड़ने से मना करते रहे हैं जबकि विभिन्न मोर्चों पर सरकारी सैनिकों और विद्रोहियों की लड़ाई जारी है.
इस बीच रूस का एक राजनयिक लीबिया में युद्ध रुकवाने के प्रयासों के तहत त्रिपोली के लिए रवाना हुआ है. राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव के विशेष अफ्रीका दूत मिखाइल मार्गेलोव त्रिपोली में लीबियाई प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और दूसरे कैबिनेट मंत्रियों से मिलेंगे. मार्गेलोव ने लीबिया के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से कहा, "साफ है कि त्रिपोली में बातचीत आसान नहीं होगी." त्रिपोली जाने के लिए नाटो के ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर का इंतजार कर रहे मार्गेलोव ने पिछले सप्ताह कहा था कि मेद्वेदेव ने उन्हें गद्दाफी से मिलने का निर्देश नहीं दिया है. लेकिन रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वे किसी भी भेंट के लिए तैयार हैं.
इस महीने के शुरू में मार्गेलोव बेनगाजी गए थे और वहां उन्होंने विद्रोही नेताओं से मुलाकात की थी. लीबियाई विद्रोहियों के रुख के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वे गद्दाफी के लीबिया में रहने की बात मान लेंगे बशर्ते वे सत्ता त्याग दें और राजनीति से बाहर रहें. इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी से मार्गेलोव ने कहा, "अरब दुनिया में माफी और सहमेल की परंपरा है और बहुत से भूतपूर्व घिनौने नेता सत्ता से खदेड़े जाने के बाद भी अपने देशों में निजी हैसियत में रहते हैं."
गद्दाफी ने कहा है कि वे लीबिया छोड़ने के बदले मरना पसंद करेंगे. गद्दाफी के 41 साल के शासन को समाप्त करने के लिए पश्चिमी देशों की मदद से विद्रोहियों को पश्चिमी लीबिया में सरकारी नियंत्रण वाले इलाके में घुसने में सफलता मिली है लेकिन त्रिपोली पर गद्दाफी का नियंत्रण बना हुआ है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए कुमार