देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहते हैं अफरीदी
२२ फ़रवरी २०११दो साल पहले पाकिस्तान में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर आतंकवादी हमले के बाद से आईसीसी ने वहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट कराने पर पाबंदी लगा दी है. इस हमले में आठ लोग मारे गए जबकि सात खिलाड़ियों और उनके कोच को भी चोटें आईं. 2011 के वर्ल्ड कप क्रिकेट की मेजबानी पहले भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश को संयुक्त रूप से दी गई, लेकिन बाद में पाकिस्तान में कोई मैच न कराने का फैसला किया गया.
फिलहाल वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की टीम श्रीलंका के हंबनटोटा में बुधवार को केन्या से अपना पहला मैच खेलेगी. कप्तान शाहिद अफरीदी कहते हैं, "अपने देश में न खेलने की बात हमारे दिमाग में बैठी हुई है. अपने देश को लेकर हम में जज्बा है. हमारे लोगों को यह बात सालती है कि वहां वर्ल्ड कप नहीं हो रहा है. मुझे लगता है कि हमारे लिए यही बड़ी बात है कि हम अपनी तरफ से पूरा जोर लगाएं. अगर हम यह कर पाएं तो उम्मीद है कि हमारे देश में फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू हो जाएगा."
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट छिनने के साथ साथ पाकिस्तान क्रिकेट पर स्पॉट फिक्सिंग का भी काला साया रहा है जिसके चलते उसके तीन क्रिकेटर सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर पर पाबंदी लग गई. अफरीदी कहते हैं कि जो भी कुछ हुआ है, उसे देखते हुए टीम में जज्बे को बनाए रखना खासा मुश्किल है. खुद अफरीदी पर भी 2010 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप में दो मैचों की पाबंदी लगाई गई.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अफरीदी को वर्ल्ड कप का कप्तान घोषित करने में खासी देरी की. इसके लिए न्यूजीलैंड में वनडे सीरीज जीतने तक का इंतजार किया गया. अफरीदी कहते हैं, "जब ऐसी बातें होती हैं तो भारत और पाकिस्तान में कप्तान रहना बहुत मुश्किल होता है. आपको त्याग करना होता है. लेकिन मेरी कोशिश हमेशा यह रहती है कि कप्तान और खिलाड़ी होने के नाते मैं हमेशा अच्छा करूं." अफरीदी ने 1996 में केन्या के खिलाफ ही अपने वनडे करियर का आगाज किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी