नवनाजी हत्याकांड में अदालत की आलोचना
७ मई २०१३सोमवार को मुकदमा शुरू होते ही मुख्य अभियुक्त चैपे और उनके संदिग्ध मददगार राल्फ वोललेबेन ने सुनवाई कर रही पीठ के मुख्य जज मानफ्रेड गोएत्सल को बदलने की अर्जी दी. म्यूनिख हाईकोर्ट की राजकीय सुरक्षा पीठ में शुरू हुई सुनवाई में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र पढ़े जाने से पहले ही सुनवाई को स्थगित कर दिया गया. अगले हफ्ते पूर्वाग्रह वाली अर्जी पर फैसला होगा. इस हफ्ते के लिए तय तारीखें बेकार हो गई हैं.
अचंभे में वकील
वादियों के वकीलों के अलावा अभियुक्त बेआटे चैपे के वकील के लिए लंबे विराम का अदालत का फैसला अचंभा पैदा करने वाला है. उनका कहना है कि इस तरह की अर्जी की अदालत को उम्मीद होनी चाहिए थी और इसलिए वे इसका फैसला भी जल्दी कर सकते थे. वादियों के एक वकील का कहना है कि ऐसे मुकदमों में बचाव पक्ष की ओर से इस तरह के आरोपों की उम्मीद रहती है.
जज गोएत्सल के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने पांच अभियुक्तों के वकीलों के खिलाफ अदालत में घुसने से पहले तलाशी के आदेश देकर एकतरफा कदम उठाए हैं. अदालत में घुसने से पहले इभियुक्तों के वकीलों की हथियारों के लिए तलाशी ली जाती है जबकि सरकारी वकीलों और मुकदमे के दूसरे भागीदारों के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा है.
वादियों के वकील सेबाश्टियान शार्मर और पेअर श्टॉले का कहना है कि अदालत का फैसला मुद्दई पक्ष के मुंह पर एक और तमाचा है. मुकदमे को स्थगित करने से मृतकों के परिजनों को निजी तौर पर आघात लगा है. उनमें से कई लोगों ने एक हफ्ते की छुट्टी ली थी. अदालत के फैसले की वजह से उनमें से कुछ अब मुकदमे में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
चैपे के लिए बड़ा मंच
अदालत में मुख्य अभियुक्त बेआटे चैपे जिस तरह से पेश आई है, उस पर भी नाराजगी है. दो मृतक परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे बर्लिन के वकील मेहमत डाइमागुलर ने कहा है, "उसकी उपस्थिति में आत्मविश्वास से लेकर अहंकार था." उनका कहना है कि जज के खिलाफ पूर्वाग्रह के आरोप निराधार हैं.
चैपे पर दस लोगों की हत्या में शामिल होने के आरोप में मुकदमा चलाया जा रहा है. उनमें से 8 तुर्क मूल के थे जबकि एक ग्रीक मूल का था. इस गिरोह ने एक महिला पुलिस अधिकारी की भी हत्या की थी. अभियोजन पक्ष ने चैपे पर दो मुख्य अभियुक्तों ऊवे मुंडलोस और ऊवे बोएनहार्ट के साथ एक आतंकवादी संगठन बनाने का भी आरोप लगाया है. तीनों ने अपने गिरोह को नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड एनएसयू का नाम दिया था.
बेआटे चैपे के अलावा चार सहयोगियों पर भी मुकदमा चालाया जा रहा है. उन पर इस गिरोह को मदद देने के आरोप हैं. उनमें से एक राल्फ वोललेबेन है, जो उग्र दक्षिणपंथी एनपीडी पार्टी का अधिकारी था. कार्स्टन एस ने इस गिरोह के लिए पिस्तौल का इंतजाम किया जिससे उन्होंने 9 महीने तक अभ्यास किया. आंद्रे ई और होल्गर जी पर आतंकवादी संगठन की मदद का आरोप लगाया गया है.
यह मुकदमा युद्ध के बाद के जर्मन इतिहास का सबसे बड़ा मुकदमा है. इस मुकदमे के दो साल तक चलने की संभावना है. अपराध साबित होने पर चैपे को उम्रकैद की सजा हो सकती है.
एमजे/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)