पर्स की कहानी
चाहे सादा बटुआ हो या फिर शाही बटुआ. बवेरिया के नेशनल म्यूजियम में एक से एक थैलियों, पर्सों का संकलन पेश किया गया. ये पर्स 16 से 21वीं सदी तक के हैं.
बटुए से ज्यादा
एरमेस का यह बैग ग्रेस केली ने मशहूर किया. अभिनेत्री और मोनाको की रानी ने यह बैग इतना इस्तेमाल किया कि इसे 1956 में इसे उन्हीं का नाम दे दिया गया. तब से इसे केली बैग कहा जाता है.
काम का भी
16वीं सदी में हैंड बैग का इतिहास शुरू होता है. उस समय ये बैग्स छोटे बटुए होते थे जिसमें पैसे अलग अलग रखे जाते. रेशम से बने इन बटुओं में मजबूती के लिए नीचे एक टोकरी सी लगाई जाती थी.
कहां से आए
हैंड बैग्स के मूल का पता लगाना आसान नहीं. म्यूनिख प्रदर्शनी के आयोजक योहानेस पीच ने कई सूत्रों से एक समय में इस्तेमाल किए जाने वाले बैग्स का पता लगाया.
समय का चिह्न
प्रदर्शनी में मूर्तियां और पेंटिग्स भी हैं. जिसमें लोग तरह तरह के पर्स लिए दिखते हैं. ये दिखाता है कि 17वीं सदी में भी फैशन पर तकनीकी और सामाजिक प्रभाव कितना ज्यादा था.
आमूलचूल बदलाव
फ्रांस की क्रांति के साथ ही बड़े गाऊन खत्म हो गए जिसमें महिलाएं अपना बैग छिपाती थीं. अब वह छोटे कपड़े पहनतीं और बैग हाथ में रखतीं. 18वीं और 19वीं सदी के ये बैग काफी आधुनिक दिखते हैं.
पुरुषों के लिए भी
फ्रांसीसी क्रांति के बाद से पुरुष भी हैंडबैग्स का इस्तेमाल करते. हालांकि बाद में ये फैशन चली गई. आज पुरुषों के लिए लैपटॉप बैग या रकसैक फिर से फैशन में हैं.
बड़े और मजबूत बैग्स
19वीं सदी में रेल यातायात के साथ काफी कुछ बदला. मजबूत, बड़े बैग की जरूरत महसूस हुई क्योंकि बैग्स अलग जगह रखे जाते. इस चित्र में बैग्स के लिए मशहूर मार्लेने डीटरिष.
अलग सा डिजाइन
70 के दशक में ऐसी पर्स की फैशन थी जो रोल किए अखबार जैसे दिखते. ये पत्रिकाओं के लिए बनने वाले लैमिनेटेड कवर से ही शुरू हुए. इन्हें काफी पसंद किया जाता.
डिजाइनर पर्स
एक ओर तो पर्स प्रैक्टिकल होते दूसरी ओर डिजाइनर भी. रानी ग्लोरिया फॉन थूर्न के पास पर्स का बहुत बड़ा संकलन था. इनमें से कुछ सिल्क के बने पर्स थे जो क्रिस्टियान लाक्रोआ ने डिजाइन किए थे.
छोटे काले
1955 की फरवरी में कोको शनेल मशहूर बैग का मॉडल पेश किया. ये आज भी बाजार में है. शनेल 2.55, इस मॉडल का ओरिजिनल प्रदर्शनी में देखा जा सकता है.
क्लच पर्स
केट मिडिलटन भी छोटा पर्स लेती हैं, जिसमें पकड़ने के लिए कुछ नहीं. या तो इसे हाथ में पकड़ें या फिर बगल में रखें. 1920 के दशक का ये पर्स आजकल दोबारा फेशन में है.