पाकिस्तान: लोन ऐप्स के चक्कर में फंसते आम लोग
१ जून २०२३पाकिस्तान में स्मार्टफोन के इस्तेमाल में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ, पर्सनल लोन ऐप्स का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में दोगुना उछाल आया है, जिसके बाद यह संख्या बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई है. हालांकि, अवैध साहूकारों की गतिविधियां जनता के लिए खतरा पैदा कर रही हैं.
लोन ऐप तत्काल ग्राहक को लोन दे देते हैं. इस क्रेडिट का बैंकों से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए यह गतिविधि अवैध ऋण प्रदाता को ग्राहक के डेटा का दुरुपयोग करने का अवसर देती है. इस डेटा का दुरुपयोग करके, कुछ ऋणदाता धमकी और ब्लैकमेल समेत आक्रामक ऋण वसूली रणनीति का सहारा लेते हैं.
लोन देने वालों के खिलाफ शिकायतें
इस साल मई तक पाकिस्तान के पूंजी बाजार और कॉर्पोरेट मामलों की देखरेख करने वाले पाकिस्तान के प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसीपी) ने लाइसेंस प्राप्त डिजिटल ऋणदाताओं और 1,415 बिना लाइसेंस वाले डिजिटल ऋणदाताओं के खिलाफ 1,415 जुर्माना जारी किया है. पुलिस भी ब्लैकमेल करने जैसी शिकायतों की जांच में जुट गई है.
पाकिस्तान स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन 'डिजिटल राइट्स फाउंडेशन' की प्रमुख और पेशे से वकील निघहत दाद के अनुसार, इस बात की प्रबल संभावना है कि ऐसे कई मामले दर्ज ही नहीं हो पाते हैं. यह फाउंडेशन कहता है कि लोन देने वाले ऐप्स डेटा का दुरुपयोग करते हैं.
डिजिटल लोन देने में मनमानी पर आईबीआई की रोक
धमकी और ब्लैकमेल
लाहौर की एक 26 वर्षीय महिला, जिसने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उसे उस दिन का पछतावा है जब उसने सोशल मीडिया पर एक ऐसे ही लोन देने वाले ऐप के बारे में देखा और उसमें रजिस्ट्रेशन करा लिया, लेकिन उसने लोन के लिए अप्लाई नहीं किया.
इस महिला के बैंक खाते में 10 हजार रुपये जमा हो गए. उसने तुरंत पैसे वापस कर दिए. बाद के बारे में बताते हुए वह कहती है, "मुझसे कोई पैसा लेने से सख्ती से इनकार करते हुए, वे पहले मेरे साथ लगातार संपर्क में रहे और फिर मेरे दोस्तों और परिवार के सदस्यों को परेशान करना शुरू कर दिया. मुझे धमकाना और गाली देना शुरू कर दिया.”
तंग आकर पीड़िता ने धमकियों को रोकने के लिए 40,000 रुपये का भुगतान किया, लेकिन कॉल जारी रही और आखिरकार उसने तंग आकर ऐप के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत दर्ज की.
ऋणदाताओं के लिए निर्देश
एसईसीपी ने अब डिजिटल लोन देने वालों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत गैर-बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को डिजिटल चैनलों के माध्यम से ऋण का खुलासा करना होगा. साथ ही ऐसे लोन देने वालों को उधारकर्ता के संपर्कों तक पहुंचने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के एक बयान के अनुसार, "वित्त कंपनियों को उधारकर्ता की सहमति से भी संबंधित व्यक्ति के मोबाइल फोन में संपर्क सूची या फोटो तक पहुंचने से रोक दिया जाएगा."
एए/सीके (रॉयटर्स)