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पादरी के पागलपन पर दुनिया में खलबली

८ सितम्बर २०१०

अमेरिका में प्रोटेस्टेंट इसाइयों का एक गुट अपनी जिद पर अड़ा है. वह 11 सितंबर की आतंकवादी घटना की बरसी पर कुरान की प्रति जलाने का इरादा रखता है. 50 सदस्यों वाले इस गुट को न तो दुनिया की परवाह है न अमेरिकी सरकार की.

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शर्मनाक योजनातस्वीर: AP

प्रोटेस्टेंट ईसाइयों से लेकर यहूदी रब्बी तक अमेरिका के सभी धार्मिक नेताओं, और साथ ही, धर्मनिरपेक्ष नेताओं ने जिस प्रकार इस घिनौने काम की स्पष्ट रूप से निंदा की है, उससे मुझे खुशी हुई है. - इन शब्दों के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने फ्लोरिडा के एक छोटे से धार्मिक समुदाय की इस योजना की निंदा की कि 11 सितंबर की बरसी पर कुरान की प्रतियां जलाई जाएंगी.

इस बीच वैटिकन ने भी एक घोषणा में इस योजना की निंदा करते हुए हर धर्म की पवित्र पुस्तक, पूजागृहों और प्रतीकों की रक्षा के अधिकार पर जोर दिया है. समाज के विभिन्न वर्गों की ओर से इसकी निंदा की जा रही है. पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए गई हुईं अमेरिकी अभिनेत्री ऐंजेलीना जोली ने भी कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है.

पता चला है कि अमेरिकी सरकार की ओर से फ्लोरिडा के इस ईसाई समुदाय पर दबाव डाला जा रहा था कि वह ऐसे नापाक इरादों से बाज आए. लेकिन पचास सदस्यों वाले इस धार्मिक समुदाय के नेता रेवरेंड टेरी जोंस ने कहा कि सभी पक्षों के विरोध के बावजूद वे अपने कदम पर अड़े रहेंगे. एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक सौ से अधिक हत्या की धमकियां मिल चुकी हैं और वे 40 कैलिबर की एक बंदूक टांगकर घूम रहे हैं.

टेरी जोंस ने 1980 में जर्मनी के कोलोन शहर में भी एक ईसाई ग्रुप की स्थापना की थी. उनके तौर-तरीके से नाराज होकर सन 2008 में यह ग्रुप उनके गिरजे से अलग हो गया था. आज एक वक्तव्य में कोलोन के इस समुदाय के नेता स्तेफान बार ने कड़े शब्दों में कुरान जलाने की योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि उनका समुदाय स्पष्ट रूप से इसकी निंदा करता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: अशोक कुमार

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