फुटबॉल लेजेंड कैसे बने फ्रांत्स बेकेनबाउअर
स्विट्जरलैंड में फुटबॉल लेजेंड फ्रांत्स बेकेनबावर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरु हुई. फुटबॉल के 'शहंशाह' कहे जाने वाले बेकेनबावर ने जर्मन और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल जगत में अपने पांच दशक लंबे करियर में तमाम कीर्तिमान बनाए.
सफल सेल्समैन
बेकेनबावर उस समिति के अध्यक्ष थे जिसने 2006 में जर्मनी को विश्व कप की मेजबानी जिताई. फिर विश्व कप आयोजक समिति के प्रमुख बने. इसी समिति के कार्यकारी बोर्ड के तीन अन्य सदस्यों समेत उन पर 2005 में फीफा को 67 लाख यूरो का संदेहास्पद भुगतान करने के आरोपों की जांच चल रही है.
शुरुआत ऐसे हुई
सन 1965 में बेकेनबावर ने बायर्न म्युनिख की ओर से बुंडेसलीगा में अपनी शुरुआत की. 1977 तक वे म्युनिख में ही खेले और इस दौरान क्लब को चार बुंडेसलीगा खिताब, चार जर्मन कप और तीन यूरोपीय खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई. फिर वे न्यूयॉर्क चले गए और वहां कॉस्मॉस के साथ तीन सीजन बिताए. 1980 में पश्चिम जर्मनी वापस लौटे और कॉस्मॉस के साथ ही अपने कैरियर का अंतिम सीजन खेला.
मैदान के बाहर भी खिलाड़ी
विज्ञापन जगत और संगीत की दुनिया के लोगों ने बेकेनबावर की एक और खूबी को पहचाना. बेकेनबावर ने 1966 में "गुटे फ्रॉएन्डे कान नीमांड ट्रेनेन" नाम का सिंगल एलबम रिकॉर्ड किया. उन्हें इंसटेंट सूप से लेकर मोबाइल फोन तक के कई विज्ञापनों में दिखाया गया.
दिग्गज दांव खेलने वाले
बेकेनबावर को फुटबॉल के मैदान में उनकी सुंदर खेल शैली के लिए जाना जाता था. मैदान में उनके सटीक और सरल पास ने दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाई. सन 1974 में उन्होंने पश्चिमी जर्मनी को म्युनिख में हुए विश्व कप के फाइनल मुकाबले में यादगार जीत दिलाई.
डबल टेक
1977 आते आते फ्रांत्स बेकेनबावर इतने लोकप्रिय हो चुके थे कि उन पर आधारित खिलौने बनने लगे. "डेयर काइजर" कहे जाने वाले बेकेनबावर के जैसा पुतला जर्मन खिलौनों की दुकान पर बिकता था.
दूसरी तरह का विश्व कप खिताब
टीम के कोच की हैसियत से भी बेकेनबावर जर्मनी की टीम को 1986 के विश्व कप के फाइनल तक ले गए. मेक्सिको में आयोजित इस मुकाबले में अर्जेंटीना ने जर्मनी को हरा दिया. लेकिन चार साल बाद जब जर्मनी का फिर अर्जेंटीना से सामना हुआ तो इटली में 1990 में जर्मनी ने जीत दर्ज की. खिलाड़ी और कोच दोनों भूमिकाओं में विश्व कप जीतने वाले मारियो सागालो के बाद वे दूसरे फुटबॉलर बने.
क्लब फुटबॉल में वापसी
विश्व कप में जीत के कीर्तिमान बनाने के बाद बेकेनबावर फिर क्लबों की ओर मुखातिब हुए. पहले ओलंपिक डि मार्सेल के कोच के रूप में उन्हें फ्रेंच खिताब जिताया. फिर बायर्न म्युनिख में लौट आए. बायर्न को 1994 में बुंडेसलीगा और 1996 में यूएफा कप जिताने वाले भी वही थे. 1994 से 2009 तक वे बायर्न म्युनिख क्लब के प्रेसिडेंट भी रहे.
गोल्डेन टच
सन 1998 से 2010 के बीच बेकेनबावर जर्मन फुटबॉल संघ के उपाध्यक्षों में से एक थे. इसी दौरान 2006 में उन्होंने जर्मनी को विश्व कप की मेजबानी दिलाने में सफलता पाई. और इसी दौरान हुए किसी घोटाले के बारे में 2015 में जाकर पता चला, तब तक कोई सोच भी नहीं सकता था कि उनका "शहंशाह" कभी कुछ गलत कर सकता है.
तीन बार पति, पांच बार पिता
अब तक बेकेनबावर ने तीन शादियां की हैं और इनसे उनकी कुल पांच संतानें हैं. 2006 में हाइडी उनकी तीसरी पत्नी बनी. 2015 में अपने एक बेटे स्टेफान की गंभीर बीमारी के चलते हुई मौत से बेकेनबावर को गहरा दुख पहुंचा.
आपराधिक कार्यवाही
1 सितंबर 2016 को स्विट्जरलैंड के अटॉर्नी जनरल ने घोषणा की कि नवंबर 2015 से जर्मनी के 2006 विश्व कप की मेजबानी जीतने के मामले की आपराधिक जांच की कार्यवाही शुरु की गई. बेकेनबावर आयोजन समिति के अध्यक्ष होने के नाते चार में एक संदिग्ध हैं जिन पर धोखाधड़ी, आपराधिक कुप्रबंधन, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन का आरोप लगा है.