टीचर की हत्या के मामले में छह किशोरों पर मुकदमा
२७ नवम्बर २०२३इस हत्याकांड ने पूरे फ्रांस को सकते में डाल दिया था और अधिकारियों को अभिव्यक्ति और धर्मनिरपेक्षता के अधिकार पर जोर देने वाले कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. उत्तर पश्चिमी पेरिस के एक स्कूल में इतिहास और भूगोल के टीचर सैमुअल पैटी की एक 18 वर्षीय चेचन मूल के छात्र ने 16 अक्टूबर 2020 को हत्या कर दी थी. उन्हें पहले छूरे से मारा गया और बाद में उनका सर कलम कर दिया गया. बाद में पुलिस ने हमलावर को गोली मार दी थी.
47 वर्षीय पैटी का नाम क्लास में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हुई एक बहस के बाद सोशल मीडिया पर प्रकाशित कर दिया गया था. क्लास में पैटी ने कार्टून पत्रिका शार्ली एब्दो में प्रकाशित कार्टून दिखाए थे जिसके बाद हमलावरों में न्यूजरूम में पत्रिका के कर्मियों को गोलियों से भून डाला था. पैटी ने पत्रिका का इस्तेमाल नैतिकता की क्लास में अभिव्यक्ति के अधिकार के कानून पर चर्चा के लिए किया था. फ्रांस में ईशनिंदा कानूनी है, और धार्मिक किरदारों पर कार्टून बनाने की लंबी परंपरा है.
नाबालिग हैं सारे अभियुक्त
सभी छह अभियुक्त नाबालिग हैं और फ्रांसीसी कानून के मुताबिक उनके खिलाफ बंद कमरे के पीछे मुकदमा चलाया जा रहा है. सोमवार को वे अपने कोटों से सिर ढके अदालत में पहुंचे. पिछले महीने एक और टीचर डोमिनिक बैर्नार्ड की उत्तरी फ्रांस में एक इस्लामी कट्टरपंथी ने हत्या कर दी थी. पैटी के हत्यारे की तरह बैर्नार्ड का हत्यारा भी रूस के मुस्लिम बहुल कॉकेशिया इलाके का था.
जिन किशोरों पर मुकदमा चल रहा है, उनमें से पांच पैटी की हत्या के समय 14 से 15 साल के थे. उनपर आपराधिक साजिश के आरोप हैं जिसका मकसद बाद में हिंसा था. उन पर स्कूल में घंटों इंतजार करने और हत्यारे को पैटी की पहचान बताने का आरोप है. जांच से पता चला है कि हत्यारे को टीचर का नाम और स्कूल पता था, लेकिन वह पैटी को पहचानता नहीं था. अभियुक्तों ने 300 यूरो के लालच में पैटी की पहचान जाहिर की.
टीचर पर झूठा आरोप लगाया
छठी अभियुक्त उस समय 13 साल की थी. उस पर ये गलत आरोप लगाने का आरोप है कि पैटी ने कार्टून दिखाने से पहले मुस्लिम छात्रों से हाथ उठाने और क्लास छोड़कर चले जाने को कहा था. बाद में उसने जांचकर्ताओं से कहा कि उसने झूठ बोला था. जांच से पता चला कि वह उस उस दिन क्लास में नहीं थी और पैटी ने ऐसा कुछ नहीं किया था. इस केस में शामिल आठ बालिग अभियुक्तों पर 2024 के अंत में मुकदमा चलेगा.
पैटी का परिवार किशोरों के खिलाफ चलाए जा रहे इस मुकदमे को बहुत महत्वपूर्ण मानता है. परिवार के वकील विरजीनी ले रॉय ने कहा है, "घटनाओं की प्रक्रिया में किशोरों की भूमिका अहम थी, जिसकी वजह से हत्या हुई." पैटी की बहन मिकेले के वकील लुई काइलिज ने कहा है कि वह उन असली कारणों को जानना चाहती है जिसकी वजह से छात्रों ने ऐसा किया जिसकी भरपाई नहीं हो सकती.
पूछताछ के दौरान किशोरों ने कहा है कि उन्होंने ज्यादा से ज्यादा ये सोचा कि पैटी के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा जाएगा, उन्हें अपमानित किया जाएगा और शायद पीटा जाएगा, लेकिन उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि इसका अंत हत्या में हो सकता है. वे सब अब हाई स्कूल के स्टूडेंट हैं और उन्हें इस मामले में ढाई साल की सजा हो सकती है. एक अभियुक्त के वकील डिलन स्लामा का कहना है, "मामला जटिल है. उसे बाकी जिंदगी इसके साथ जोड़ कर देखा जाएगा."
एमजे/एके (एपी, एएफपी)