बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं: विपक्ष
२८ फ़रवरी २०११भारतीय जनता पार्टी के नेता अनंत कुमार ने इस बजट को फिजूल की कवायद करार देते हुए कहा कि इसमें बढ़ती कीमतों को नहीं थामा गया है और न ही इसमें आम आदमी के लिए कुछ है. वहीं एनडीए सरकार में वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने इसे कमजोर बजट बताया जिसमें सुधारों से बचा गया है. बीजेपी नेता रूद्र नारायन ने तो इसे चुनावी बजट करार दिया है और कहा है कि ऐसा लगता है कि सरकार मध्यावधि चुनावों में जाने की तैयारी कर रही है.
सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने बजट को दिशाहीन बताया है. उनके मुताबिक यह ऐसा बजट है जिसमें बेरोजगारी से लड़ने के लिए सरकार ने गंभीर प्रयास नहीं किए हैं. "यह मामूली बजट है जिसमें कोई दिशा नहीं है. अतिरिक्त संसाधनों को जुटाने के प्रयास नहीं किए गए हैं और न ही रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश हुई है."
सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु ने इसे असंवेदनशील बजट बताया है और कहा है कि निर्धनों के एक बड़े तबके को सब्सिडी के दायरे से बाहर रखा गया है. बसु का कहना है कि सरकार वैश्विक वित्तीय व्यवस्था के अनुरूप ही कदम उठा रही है.
बीजू जनता दल के जे पांड्या ने इसे मिश्रित बजट करार दिया है लेकिन यह कहना नहीं भूले कि इसमें महंगाई को कम करने के कदम नहीं लिए गए हैं. समाजवादी पार्टी प्रवक्ता मोहन सिंह से जब पूछा गया कि क्या बजट को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है तो उन्होंने कहा कि हो सकता है सरकार आम चुनावों की तैयारी कर रही हो.
जनता दल यूनाइटेड शरद यादव ने काले धन को वापस लाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं रखने पर सरकार की आलोचना की है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वह बजट से खुश हैं लेकिन इसमें अगर कुछ नई योजनाओं की घोषणा होती तो वह ज्यादा खुश होते. फर्टिलाइजर पर नगद सब्सिडी, एलपीजी और उपभोक्ताओं के लिए केरोसीन पर सब्सिडी देने पर उन्होंने खुशी जाहिर की है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार