बर्लिन में कौओं का आतंक
३० मई २०१०जर्मनी की राजधानी बर्लिन और एक अन्य शहर ब्रेमन में कौए देखते ही लोग परेशान होने लगे हैं. कौए पैदल घूम फिर रहे लोगों के साथ साइकिल सवारों को चोंच मार रहे हैं. कई लोग घायल हो चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि बर्लिन में करीब पांच हज़ार कौओं के जोडे हैं और इनकी संख्या पिछले साल से 17 फीसदी बढ़ी है.
पक्षियों के जानकार मार्कुस निपको कहते हैं, "ये हर साल होता है क्योंकि ये समय कौओं के प्रजनन और घोंसले बनाने का होता है. इसलिए वे कभी कभी आक्रामक व्यव्हार कर सकते हैं. लेकिन कौए की हर जोड़ी ऐसा नहीं करता."
निपको का कहना है कि प्रजनन के समय में सिर्फ कौए ही नहीं चूहे भी इस तरह का आक्रामक व्यव्हार कर सकते हैं. क्योंकि उनको अपने बच्चों की चिंता होती है. इसलिए हर साल एक न एक घटना ऐसी होती है जिसमें कौओं ने किसी व्यक्ति पर आक्रमण किया हो. ये इसलिए होता है कि पक्षियों को लगता है व्यक्ति उनके बच्चों के बहुत नज़दीक आ गया है जबकि घूमने वाला व्यक्ति इस स्थिति से अनजान होता है.
शहरों में रहने वाले पक्षियों को उनका सामान्य खाना तो मिलता नहीं तो वे लोगों की फेंकी हुई ब्रेड या फिर सड़कों पर पड़े खाने के टुकड़ों पर ध्यान लगाए होते हैं ऐसे में कोई व्यक्ति पार्क में बैठा कुछ खा रहा हो तो बहुत संभव है कि कोई पंछी उसके हाथ से छुड़ा कर ले जाने की कोशिश करे.
पिछले दिनों बर्लिन में जंगली सुअरों के कारण भी लोगों को परेशानी हुई थी. बर्लिन के आस पास कई इलाकों में छोटे छोटे जंगल हैं और सुअर खाने की तलाश में कई बार जंगलों से बाहर कचरों के डिब्बों में खाना ढूंढते नज़र आ जाते थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः ओ सिंह