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बाढ़ से बेहाल जर्मनी

६ जून २०१३

आसमान में खिली धूप का नदियों के पानी पर कोई असर नहीं हो रहा. पानी बेलगाम शहरों में फैल रहा है और घरों को लील रहा है. बारिश रुकने के बाद बढ़े पानी ने जर्मनी और पास के देशों के कई शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है.

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तस्वीर: Reuters

जर्मनी और चेक गणराज्य में कई सौ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. बाढ़ का पानी अभी भी चढ़ रहा है. जर्मनी के पूर्वी हिस्से में सबसे बुरे हालात हैं क्योंकि एल्बे नदी का पानी अचानक बढ़ गया है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अभी हालत और खराब हो सकती है.

पूर्वी जर्मन शहर हाले में एल्बे में मिलने वाली नदी साले 400 साल में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची है, बुधवार को अधिकारियों को 30 हजार निवासियों को लाउडस्पीकर से घर से निकलने की चेतावनी दी गई. सिटी सेंटर में एक मीटर से भी ऊंचे तक पानी भरा हुआ है.

पड़ोसी राज्य सैक्सनी के ड्रेसडन शहर में एल्बे नदी सामान्य से सात मीटर ऊंची बह रही थी. गुरुवार को इसके और बढ़ने की आशंका है. शहर के निवासी पहले ही अपना घर बार छोड़ चुके हैं. जबकि 2002 में आई भारी बाढ़ के बाद जो सुरक्षा प्रणालियां लगाई थीं वह अभी भी काम कर रही हैं, फिर भी शहर में पानी भर गया है.

जर्मनी के उत्तरी राज्यों श्लेस्विग होलस्टाइन, लोअर सेक्सनी, मेक्लेनबुर्ग वेस्टर्न पोमेरेनिया और पूर्वी राज्य ब्रांडनबुर्ग में अभी भी एल्बे रिकॉर्ड स्तर की ओर बढ़ रही है.

दक्षिणी राज्य बवेरिया के डेगेनडॉर्फ में डेन्यूब और ईसर नदी ने कहर मचाया हुआ है. मेक्लेनबुर्ग वेस्टर्न पोमेरेनिया के पर्यावरण मंत्री टिल बाकहाउस ने अंदेशा जताया, "हालात और बुरे होने की आशंका है. हम पहले से ही मुश्किल और जटिल स्थिति में फंसे हुए हैं."

People ride in a boat on waters covering a flooded road in the eastern German city of Dresden, June 4, 2013. Torrential rain in the south and south-east of Germany caused heavy flooding over the weekend forcing people to evacuate their homes. REUTERS/Thomas Peter (GERMANY - Tags: DISASTER ENVIRONMENT)
दो मीटर ऊपर पानीतस्वीर: Reuters

उधर चेक गणराज्य में एल्बे सामान्य स्तर से 11 मीटर यानी 36 फीट ऊपर पहुंच गई है. यह सामान्य से चार गुना ज्यादा है. देश भर में करीब 19000 लोगों को इस कारण अपना घर खाली पड़ा है.

भारी नुकसान

मध्य यूरोप में यह एक दशक की सबसे बुरी बाढ़ है जिसमें करीब 16 लोगों की जान गई है. आठ चेक गणराज्य में, पांच जर्मनी में, दो ऑस्ट्रिया और एक व्यक्ति स्लोवाकिया में मारे गए. चेक गणराज्य में अभी भी चार लोग लापता हैं.

जर्मनी के आठ शहरों और जिलों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है. 40,000 अग्निशमन कर्मचारियों और 5000 सैनिकों के साथ हजारों स्वयंसेवी राहत का काम कर रहे हैं. फ्रांस और हॉलैंड से भी सैनिक बुलाए गए हैं. बढ़ती नदियों के किनारे रेत से भरे थैले रख पानी को रोकने की कोशिश की जा रही है. पानी से भरे इलाकों में चलने के लिए अस्थाई पुल बनाए जा रहे हैं.

बवेरिया के पासाऊ में डेन्यूब नदी का पानी हफ्ते की शुरुआत में सामान्य से 12.89 मीटर ऊपर बह रहा था. ये वहां 500 साल में आई सबसे बुरी बाढ़ है. मंगलवार को जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल बाढ़ से प्रभावित इलाके का दौरा करने गई थीं. उन्होंने वहां 13 करोड़ यूरो की राहत राशि की घोषणा की.

2002 में भी बाढ़ का प्रकोप झेल चुके लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. सरकार ने उन्हें आसान किश्तों पर लोन की सुविधा दी है लेकिन अधिकतर लोगों को इससे कोई फायदा नहीं हो सका. बाढ़ ने इतने इलाकों को प्रभावित किया है कि अभी कोई भी नुकसान की कीमत बताने की स्थिति में नहीं है. लेकिन घरों के डूबने और खड़ी फसलों के बाढ़ से नष्ट होने के कारण लाखों यूरो का नुकसान हुआ है. 50 साल से ऊपर की उम्र वाले लोगों में अपना घर दोबारा डूबते देखने की हताशा और चिंता देखी जा सकती है. लोग बाढ़ के खिलाफ सही उपाय नहीं करने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

रिपोर्टः आभा मोंढे (डीपीए, एएफपी)

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन