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बिनायक केस में रहेंगे यूरोपीय पर्यवेक्षक

२४ जनवरी २०११

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को इस बात की अनुमति दे दी है कि वह आजीवन कारावास के खिलाफ बिनायक सेन की अपील की सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहें.

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तस्वीर: AP

बिनायक सेन की अपील पर सुनवाई सोमवार को पूरी नहीं हुई. वह मंगलवार को भी जारी रहेगी. सेन की ओर से राम जेठमलानी पैरवी कर रहे हैं जबकि अतिरिक्त महाधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने अदालत के सामने सरकार का पक्ष रखा.

अपील की सुनवाई शुरू होने पर जस्टिस टीपी शर्मा और जस्टिस आरएल झनवार की बेंच ने सुनवाई में उपस्थित रहने के यूरोपीय संघ के आग्रह पर विचार किया और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल को सुनवाई के निरीक्षण की अनुमति दे दी.

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के आग्रह को छत्तीसगढ़ सरकार को भेजा था जिसने मामले को हाई कोर्ट को दे दिया. यूरोपीय संघ ने विदेश मंत्रालय से कहा था कि वह नई दिल्ली स्थित अपने और सदस्य देशों बेल्जियम, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, स्वीडन और ब्रिटेन के दूतावासों के प्रतिनिधियों को अदालत की सुनवाई देखने के लिए भेजना चाहता है. यूरोपीय संघ ने एक बयान में कहा है कि उसने भारतीय अधिकारियों से बिनायक सेन की कैद से संबंधित परिस्थितियों पर भी चिंता जताई है.

61 वर्षीय बिनायक सेन पेशे से डॉक्टर हैं और तीन दशक से अधिक से छत्तीसगढ़ में काम कर रहे हैं. उन्हें माओवादियों के साथ साठगांठ के लिए नक्सल नेता नारायण सान्याल और कोलकाता के कारोबारी पीयूष गुहा के साथ देशद्रोह का देषी पाया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

प्रांतीय बीजेपी के उपाध्यक्ष सच्चिदानंद ने, जो पेशे से वकील हैं, यूरोपीय संघ के आग्रह की आलोचना की है और कहा है कि वह न्याय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल